प्राकृतिक कृषि का आधार: नीम
Modern Kheti - Hindi|15th July 2023
नीम प्राचीनकाल से ही हमारी औषधीय एवं भैषज्य परम्परा का अभिन्न अंग रहा है। वैदिक रचनाओं में निम्बः, निम्बा, निम्बपत्राम् जैसे शब्दों का वर्णन आया है। अग्नि पुराण में कुष्ठ रोग के निदान हेतु नीम के प्रयोग का परामर्श दिया गया है। नीम को स्वास्थवर्द्धक बताया गया है। इसी कारण नीम वृक्ष को धरती का कल्प वृक्ष या देव वृक्ष भी कहा जाता है।
डॉ. ए.एस. यादव, डॉ. सबा सिद्दीकी एवं डॉ. संजीव कुमार
प्राकृतिक कृषि का आधार: नीम

वर्तमान में नीम विश्व का बहु चर्चित वृक्ष है। वैज्ञानिक खोजों ने इसमें पाये जाने वाले विभिन्न अवयवों का विश्लेषण कर पाया कि यह अनमोल एवं अद्भुत गुणों से भरा एक अद्वितीय वृक्ष है। यह पर्यावरण के बिगड़ते संतुलन को सम्भालने एवं प्रगतिशील कृषि को व्यावहारिक बनाने में अत्यधिक उपयोगी है। फसलों को नष्ट करने वाले विभिन्न कीट एवं रोगों को नियंत्रित करने में सक्षम होने के कारण नई पद्धति से उगाई जाने वाली विभिन्न फसलों व खाद्यान्न उत्पादन में इसका उपयोग, जैविक खेती तथा एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन के माध्यम से बढ़ गया है।

भारत में नीम मुख्यतया उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में बहुतायात में होता है। यह देश के ठंडे और नमी वाले क्षेत्रों में बहुत कम होता है। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड के कुमायूँ - गढ़वाल, पूर्वोत्तर क्षेत्र (आसाम, नागालैण्ड, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर, अरूणाचल प्रदेश) व दक्षिण के केरल में बहुत ही कम होता है, वहाँ बकैन जिसे स्थानीय लोग ट्रेक कहते हैं अधिक होता है।

नीम एक अत्यन्त उपयोगी वृक्ष है, किन्तु इसकी उपयोगिता एवं खेती करने का उचित ज्ञान न होने के कारण उत्पादक नीम का समुचित लाभ उठाने में असमर्थ हैं। अतः इस आलेख के माध्यम से उत्पादकों को नीम की खेती एवं इसके महत्व से अवगत कराया जा रहा है।

This story is from the 15th July 2023 edition of Modern Kheti - Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the 15th July 2023 edition of Modern Kheti - Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM MODERN KHETI - HINDIView All
कृषि में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाली 'मिलेट क्वीन' - रायमती घुरिया
Modern Kheti - Hindi

कृषि में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाली 'मिलेट क्वीन' - रायमती घुरिया

ओडिशा के कोरापुट जिले की 36 वर्षीय आदिवासी महिला किसान रायमती घुरिया को कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।

time-read
2 mins  |
1st March 2025
फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व
Modern Kheti - Hindi

फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व

बढ़ती हुई जनसंख्या की मांग पूरी करने के लिए अधिक उत्पादन जरुरी है, प्रत्येक फसल के बाद भूमि में पोषक तत्वों की जो कमी आती है, उनकी पूर्ति करना आवश्यक है, वरना भूमि की उपजाऊ शक्ति व पैदावार में कमी आयेगी।

time-read
5 mins  |
1st March 2025
फलों के पेड़ लगाने की करें तैयारी
Modern Kheti - Hindi

फलों के पेड़ लगाने की करें तैयारी

कंपनियों के झूठे प्रचार ने पंजाबियों को दूध, लस्सी और घी से दूर कर दिया है। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध पीना पुरानी बात हो गई है।

time-read
4 mins  |
1st March 2025
गेहूं के प्रमुख कीटों की रोकथाम कैसे करें ?
Modern Kheti - Hindi

गेहूं के प्रमुख कीटों की रोकथाम कैसे करें ?

गेहूं भारत की प्रमुख खाद्य फसल है।

time-read
4 mins  |
1st March 2025
"बीज व्यवसाय एवं गुणवत्ता का द्वंद्व"
Modern Kheti - Hindi

"बीज व्यवसाय एवं गुणवत्ता का द्वंद्व"

कृषि उत्पाद के लिये बीज मूल्यवान एवं असरदार माणिक्य है।

time-read
6 mins  |
1st March 2025
नैनो यूरिया के प्रयोग के प्रति बढ़ रहे खदशे
Modern Kheti - Hindi

नैनो यूरिया के प्रयोग के प्रति बढ़ रहे खदशे

किसानों एवं सरकार को हर वर्ष पारंपरिक दानेदार यूरिया खाद की कमी से जूझना पड़ता है। शायद ही कोई ऐसा वर्ष हो जब यूरिया की निर्विघ्न सप्लाई हुई हो।

time-read
2 mins  |
1st March 2025
घुइया या अरवी की खेती में कीट एवं रोगों का प्रबंधन
Modern Kheti - Hindi

घुइया या अरवी की खेती में कीट एवं रोगों का प्रबंधन

परिचय : अरवी की खेती उत्तरी भारत में नगदी फसल के रूप में की जाती है। इससे प्राप्त घनकंदों तथा गांठों का प्रयोग शाक की तरह करते हैं।

time-read
3 mins  |
1st March 2025
पौधों के प्रजनन में परागण की भूमिका
Modern Kheti - Hindi

पौधों के प्रजनन में परागण की भूमिका

परागण किसी भी पुष्पीय पौधे के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण चरण है, जिससे निषेचन और बीज निर्माण की प्रक्रिया पूरी होती है।

time-read
4 mins  |
1st March 2025
केरल कृषि विश्वविद्यालय ने बीज रहित तरबूज किया विकसित
Modern Kheti - Hindi

केरल कृषि विश्वविद्यालय ने बीज रहित तरबूज किया विकसित

केरल कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग ने तरबूज की ऐसी किस्म विकसित की है, जो अपने रंग और बिना बीजों की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, नई किस्म के तरबूज का गुद्दा लाल की बजाये ऑरेंज कलर का है।

time-read
1 min  |
1st March 2025
कृषि विविधीकरण में सूरजमुखी सहायक
Modern Kheti - Hindi

कृषि विविधीकरण में सूरजमुखी सहायक

सूरजमुखी विश्व की प्रमुख तिलहन फसल है, जिसका मूल स्रोत उत्तरी अमेरिका है।

time-read
5 mins  |
1st March 2025