
वर्तमान में नीम विश्व का बहु चर्चित वृक्ष है। वैज्ञानिक खोजों ने इसमें पाये जाने वाले विभिन्न अवयवों का विश्लेषण कर पाया कि यह अनमोल एवं अद्भुत गुणों से भरा एक अद्वितीय वृक्ष है। यह पर्यावरण के बिगड़ते संतुलन को सम्भालने एवं प्रगतिशील कृषि को व्यावहारिक बनाने में अत्यधिक उपयोगी है। फसलों को नष्ट करने वाले विभिन्न कीट एवं रोगों को नियंत्रित करने में सक्षम होने के कारण नई पद्धति से उगाई जाने वाली विभिन्न फसलों व खाद्यान्न उत्पादन में इसका उपयोग, जैविक खेती तथा एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन के माध्यम से बढ़ गया है।
भारत में नीम मुख्यतया उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में बहुतायात में होता है। यह देश के ठंडे और नमी वाले क्षेत्रों में बहुत कम होता है। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड के कुमायूँ - गढ़वाल, पूर्वोत्तर क्षेत्र (आसाम, नागालैण्ड, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर, अरूणाचल प्रदेश) व दक्षिण के केरल में बहुत ही कम होता है, वहाँ बकैन जिसे स्थानीय लोग ट्रेक कहते हैं अधिक होता है।
नीम एक अत्यन्त उपयोगी वृक्ष है, किन्तु इसकी उपयोगिता एवं खेती करने का उचित ज्ञान न होने के कारण उत्पादक नीम का समुचित लाभ उठाने में असमर्थ हैं। अतः इस आलेख के माध्यम से उत्पादकों को नीम की खेती एवं इसके महत्व से अवगत कराया जा रहा है।
This story is from the 15th July 2023 edition of Modern Kheti - Hindi.
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कृषि में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाली 'मिलेट क्वीन' - रायमती घुरिया
ओडिशा के कोरापुट जिले की 36 वर्षीय आदिवासी महिला किसान रायमती घुरिया को कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।

फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व
बढ़ती हुई जनसंख्या की मांग पूरी करने के लिए अधिक उत्पादन जरुरी है, प्रत्येक फसल के बाद भूमि में पोषक तत्वों की जो कमी आती है, उनकी पूर्ति करना आवश्यक है, वरना भूमि की उपजाऊ शक्ति व पैदावार में कमी आयेगी।

फलों के पेड़ लगाने की करें तैयारी
कंपनियों के झूठे प्रचार ने पंजाबियों को दूध, लस्सी और घी से दूर कर दिया है। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध पीना पुरानी बात हो गई है।

गेहूं के प्रमुख कीटों की रोकथाम कैसे करें ?
गेहूं भारत की प्रमुख खाद्य फसल है।

"बीज व्यवसाय एवं गुणवत्ता का द्वंद्व"
कृषि उत्पाद के लिये बीज मूल्यवान एवं असरदार माणिक्य है।

नैनो यूरिया के प्रयोग के प्रति बढ़ रहे खदशे
किसानों एवं सरकार को हर वर्ष पारंपरिक दानेदार यूरिया खाद की कमी से जूझना पड़ता है। शायद ही कोई ऐसा वर्ष हो जब यूरिया की निर्विघ्न सप्लाई हुई हो।

घुइया या अरवी की खेती में कीट एवं रोगों का प्रबंधन
परिचय : अरवी की खेती उत्तरी भारत में नगदी फसल के रूप में की जाती है। इससे प्राप्त घनकंदों तथा गांठों का प्रयोग शाक की तरह करते हैं।

पौधों के प्रजनन में परागण की भूमिका
परागण किसी भी पुष्पीय पौधे के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण चरण है, जिससे निषेचन और बीज निर्माण की प्रक्रिया पूरी होती है।

केरल कृषि विश्वविद्यालय ने बीज रहित तरबूज किया विकसित
केरल कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग ने तरबूज की ऐसी किस्म विकसित की है, जो अपने रंग और बिना बीजों की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, नई किस्म के तरबूज का गुद्दा लाल की बजाये ऑरेंज कलर का है।

कृषि विविधीकरण में सूरजमुखी सहायक
सूरजमुखी विश्व की प्रमुख तिलहन फसल है, जिसका मूल स्रोत उत्तरी अमेरिका है।