
जिंक कई एंजाइम के एक आवश्यक घटक के रूप में कार्य करता है और विकास के लिए आवश्यक पौधे में कई जैव रासायनिक प्रक्रियों को नियंत्रित करता है। मुख्य खाद्य फसलों जैसे धान में जिंक की कमी के लिए जिम्मेदार मुख्य कारक मिटटी से सम्बंधित है जैसे कि:
i. उच्च पी. एच
ii. उच्च कैलसाईट सामग्री
iii. बाईकार्बोनेट अयनों और लवणों की उच्च सांद्रता और उपलब्ध फॉस्फोरस का उच्च स्तर:
फसलों को जिंक की उपलब्धता को प्रभावित करने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारक इस प्रकार हैं:-
1. अत्याधिक अम्लीय मिट्टी में अत्याधिक लिंचिंग के कारण जिंक का कुल मूल्य बहुत कम हो सकता है।
2. मिट्टी में पीएच में वृद्धि के साथ जिंक की उपलब्धता घट जाती है। ऐसा इसलिए है। क्योंकि खनिजों की घुलनशीलता, जो जिंक को ऊपर उठाने में मदद करती है। कम हो जाती है इनमें शामिल हैं कोइल कोलाइडल कण जैसे मिट्टी के खनीज लोहा और अल्मोनियम ऑक्साइड कार्बनिक पदार्थों और कैल्शियम कार्बोनेट।
This story is from the 15th August 2023 edition of Modern Kheti - Hindi.
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कृषि में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाली 'मिलेट क्वीन' - रायमती घुरिया
ओडिशा के कोरापुट जिले की 36 वर्षीय आदिवासी महिला किसान रायमती घुरिया को कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।

फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व
बढ़ती हुई जनसंख्या की मांग पूरी करने के लिए अधिक उत्पादन जरुरी है, प्रत्येक फसल के बाद भूमि में पोषक तत्वों की जो कमी आती है, उनकी पूर्ति करना आवश्यक है, वरना भूमि की उपजाऊ शक्ति व पैदावार में कमी आयेगी।

फलों के पेड़ लगाने की करें तैयारी
कंपनियों के झूठे प्रचार ने पंजाबियों को दूध, लस्सी और घी से दूर कर दिया है। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध पीना पुरानी बात हो गई है।

गेहूं के प्रमुख कीटों की रोकथाम कैसे करें ?
गेहूं भारत की प्रमुख खाद्य फसल है।

"बीज व्यवसाय एवं गुणवत्ता का द्वंद्व"
कृषि उत्पाद के लिये बीज मूल्यवान एवं असरदार माणिक्य है।

नैनो यूरिया के प्रयोग के प्रति बढ़ रहे खदशे
किसानों एवं सरकार को हर वर्ष पारंपरिक दानेदार यूरिया खाद की कमी से जूझना पड़ता है। शायद ही कोई ऐसा वर्ष हो जब यूरिया की निर्विघ्न सप्लाई हुई हो।

घुइया या अरवी की खेती में कीट एवं रोगों का प्रबंधन
परिचय : अरवी की खेती उत्तरी भारत में नगदी फसल के रूप में की जाती है। इससे प्राप्त घनकंदों तथा गांठों का प्रयोग शाक की तरह करते हैं।

पौधों के प्रजनन में परागण की भूमिका
परागण किसी भी पुष्पीय पौधे के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण चरण है, जिससे निषेचन और बीज निर्माण की प्रक्रिया पूरी होती है।

केरल कृषि विश्वविद्यालय ने बीज रहित तरबूज किया विकसित
केरल कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग ने तरबूज की ऐसी किस्म विकसित की है, जो अपने रंग और बिना बीजों की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, नई किस्म के तरबूज का गुद्दा लाल की बजाये ऑरेंज कलर का है।

कृषि विविधीकरण में सूरजमुखी सहायक
सूरजमुखी विश्व की प्रमुख तिलहन फसल है, जिसका मूल स्रोत उत्तरी अमेरिका है।