हमारी धरती की कहानी इसके ठंडी होने से शुरु हुई थी, लेकिन अब उसके उलट धरती की कहानी अब उसके गर्म होने की कहानी बनती जा रही है। वैज्ञानिक कहते हैं खौलते मैग्मे से बनी इस धरती की सतह पर करोड़ों वर्षों तक पानी नहीं था। अपने वायुमंडल के भाप में पानी की आस ताकती धरती पर लाखों साल की अनवरत बारिश ने पहले समुद्र और फिर झील और नदियों की अंतहीन श्रृंखला बना दी।
कहते हैं धरती पर इतनी गर्मी थी कि उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर भी बर्फ का नामोनिशान नहीं था। हिमयुग को पार करने के बाद फिर धरती के ठंडे होने की कहानी ही हमारे जुबान पर रहती है। बीते समय के जलवायु और तापमान का आकलन प्राकृतिक गुफा में जमे लवणों की परत, मूंगा, शंख और घोंघे जैसे जीवों के खोल के अध्ययन के आधार पर किया जाता है।
इसके आधार पर स्पष्ट है कि पिछले कुछ सालों में ही पृथ्वी का औसत तापमान कम से कम पिछले एक लाख बीस साल के औसत तापमान को पार कर रही है। हमारी पृथ्वी को ग्लोबल वॉर्मिंग ने सिर्फ 150 साल में उबाल कर रख दिया है। अगर मानवीय गतिविधियां पृथ्वी के तापमान और जलवायु के संतुलन को नहीं बिगाड़ती तो ऐसे हालात कम से कम अगले सवा लाख साल तक पैदा नहीं होते।
This story is from the September 15, 2023 edition of Modern Kheti - Hindi.
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मृदा में नमी की जांच और फायदे
नरेंद्र कुमार, संदीप कुमार आंतिल2, सुनील कुमार। और हरदीप कलकल 1 1 कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 2 कृषि विज्ञान केंद्र, सोनीपत, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
निस्तारण की व्यावहारिक योजना पर हो अमल
पराली जलाने से हुए प्रदूषण से निपटने के दावे हर साल किए जाते हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। यह समस्या हर साल और विकराल होती चली जा रही है।
खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कारगर है कृषि वानिकी
जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ती जा रही है, लोगों की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती भी बढ़ रही है।
बढ़ा बजट उबारेगा कृषि को संकट से
साल था 1996 चुनाव परिणाम घोषित हो चुके थे और अटल बिहारी वाजपेयी को निर्वाचित प्रधानमंत्री के रुप में घोषित किया जा चुका था।
घट नहीं रही है भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की 'प्रधानता'
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक विरोधाभास पैदा हो गया है। तेज आर्थिक विकास दर के फायदे कुछ लोगों तक सीमित हो गए हैं जबकि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है।
कृषि विकास का राह सहकारिता
भारत को 2028 तक पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का इरादा है और इसमें जिन तत्वों और सैक्टर के योगदान की जरुरत पड़ेगी, उनमें एक है सहकारिता क्षेत्र।
मधुमक्खियां भी हो रही हैं प्रभावित हवा प्रदूषण से
सर्दियों का मौसम आते ही देश के कई हिस्से प्रदूषण की आगोश में समा गए हैं, खासकर देश की राजधानी दिल्ली जहां सांसों का आपातकाल लगा हुआ है।
ज्वार की रोग एवं कीट प्रतिरोधी नई किस्म विकसित
भारत श्री अन्न या मोटे अनाज का प्रमुख उत्पादक है और निर्यात के मामले में भी हमारा देश दूसरे पायदान पर है।
खरपतवारों के कारण होता है फसली नुकसान
खरपतवार प्रबंधन पर एक संयुक्त अध्ययन में खुलासा हुआ है कि हर साल भारत में फसल उत्पादन में करीब 192,202 करोड़ रुपये का नुकसान खरपतवारों के कारण होता है।
जलवायु परिवर्तन बनाम कृषि विकास...
कृषि और प्राकृतिक स्रोतों पर आधारित उद्यम न केवल भारत बल्कि ज्यादातर विकासशील देशों की आर्थिक उन्नति का आधार हैं। कृषि क्षेत्र और इसमें शामिल खेत फसल, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, पॉल्ट्री संयुक्त राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों खासकर शून्य भूखमरी, पोषण और जलवायु कार्रवाई तथा अन्य से जुड़े हुए हैं।