
अपने अध्ययन में वैज्ञानिकों ने धान की किस्मों के कुछ ऐसे गुणों और जीनों की भी पहचान की है, जो फसलों की पैदावार को बेहतर बना सकती हैं। इसके साथ ही यह गुण उर्वरकों के बेहतर उपयोग, प्रदूषण में कमी, स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन के दृष्टिकोण से भी मददगार साबित हो सकते हैं।
रिसर्च से पता चला है कि धान की खीरा और सीआर धान 301 जैसी प्रजातियां नाइट्रोजन का उपयोग बेहद दक्षता के साथ करती हैं। मतलब कि इन्हें बहुत कम उर्वरकों की आवश्यकता होती है। लेकिन धान की इन किस्मों को बढ़ने में बहुत अधिक समय लगता है।
वहीं दूसरी तरफ धान की ढाला हीरा किस्म एक तरफ जहां नाइट्रोजन का बेहद दक्षता के साथ उपयोग करती है। साथ ही इसे तैयार होने में बहुत कम समय लगता है। मतलब कि इस किस्म में यह दोनों ही गुण मौजूद हैं। गौरतलब है कि नाइट्रोजन उपयोग दक्षता (एनयूई) का मतलब है कि इस्तेमाल किए यूरिया से कितना अनाज पैदा किया जा सकता है।
この記事は Modern Kheti - Hindi の 1st September 2024 版に掲載されています。
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कृषि में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाली 'मिलेट क्वीन' - रायमती घुरिया
ओडिशा के कोरापुट जिले की 36 वर्षीय आदिवासी महिला किसान रायमती घुरिया को कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।

फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व
बढ़ती हुई जनसंख्या की मांग पूरी करने के लिए अधिक उत्पादन जरुरी है, प्रत्येक फसल के बाद भूमि में पोषक तत्वों की जो कमी आती है, उनकी पूर्ति करना आवश्यक है, वरना भूमि की उपजाऊ शक्ति व पैदावार में कमी आयेगी।

फलों के पेड़ लगाने की करें तैयारी
कंपनियों के झूठे प्रचार ने पंजाबियों को दूध, लस्सी और घी से दूर कर दिया है। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध पीना पुरानी बात हो गई है।

गेहूं के प्रमुख कीटों की रोकथाम कैसे करें ?
गेहूं भारत की प्रमुख खाद्य फसल है।

"बीज व्यवसाय एवं गुणवत्ता का द्वंद्व"
कृषि उत्पाद के लिये बीज मूल्यवान एवं असरदार माणिक्य है।

नैनो यूरिया के प्रयोग के प्रति बढ़ रहे खदशे
किसानों एवं सरकार को हर वर्ष पारंपरिक दानेदार यूरिया खाद की कमी से जूझना पड़ता है। शायद ही कोई ऐसा वर्ष हो जब यूरिया की निर्विघ्न सप्लाई हुई हो।

घुइया या अरवी की खेती में कीट एवं रोगों का प्रबंधन
परिचय : अरवी की खेती उत्तरी भारत में नगदी फसल के रूप में की जाती है। इससे प्राप्त घनकंदों तथा गांठों का प्रयोग शाक की तरह करते हैं।

पौधों के प्रजनन में परागण की भूमिका
परागण किसी भी पुष्पीय पौधे के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण चरण है, जिससे निषेचन और बीज निर्माण की प्रक्रिया पूरी होती है।

केरल कृषि विश्वविद्यालय ने बीज रहित तरबूज किया विकसित
केरल कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग ने तरबूज की ऐसी किस्म विकसित की है, जो अपने रंग और बिना बीजों की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, नई किस्म के तरबूज का गुद्दा लाल की बजाये ऑरेंज कलर का है।

कृषि विविधीकरण में सूरजमुखी सहायक
सूरजमुखी विश्व की प्रमुख तिलहन फसल है, जिसका मूल स्रोत उत्तरी अमेरिका है।