ब्लैकी भालू बड़े जोश में था, क्योंकि आज स्वतंत्रता दिवस था और बैडी वुल्फ यानी भेड़िए के साथ हस्ताक्षर करने के लिए उस के पास एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण व्यापारिक सौदा था.
जब वह अपने घर से निकलने वाला था, तो उस ने अपनी बहन तारा को बुलाया और कहा, "मैं किसी काम से बाहर जा रहा हूं. कृपया बाहर जा कर देखो कि सबकुछ ठीकठाक हो रहा है कि नहीं."
उस के अंधविश्वासी स्वभाव को जान कर तारा ने दरवाजे से बाहर झांका, सुनसान पड़ी गली देखी और फिर उसे बढ़ने को कहा.
ब्लैकी उस के बाद खुशीखुशी घर से बाहर निकल गया.
वह मुश्किल से 10 फुट भी आगे नहीं बढ़ा होगा कि उस ने एक काली बिल्ली को देखा.
'अरे, यह काली बिल्ली कहां से आ गई? क्या इसे देखना मेरे लिए जरूरी था? क्या तारा ने नहीं कहा था कि गली बिलकुल साफ है, कोई नहीं है?' नाराज ब्लैकी ने सोचा.
उस ने उसे दूर भगाने की कोशिश की, लेकिन उस की निराशा का ठिकाना न रहा, बिल्ली ने उस का रास्ता काट दिया यानी सड़क पार कर ली.
'बेहूदी बिल्ली, कहीं की, तेरा सत्यानाश हो. अब मैं क्या करने जा रहा हूं?' ब्लैकी गुर्रा उठा.
उस की अब आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं थी, इसलिए वह अपनी किस्मत को कोसता हुआ घर लौट आया.
तारा ने पूछा, “इतनी जल्दी लौट आए, क्यों?”
“एक काली बिल्ली ने अभीअभी मेरा रास्ता काट दिया है,” ब्लैकी आगबबूला होते हुए बोला, “मैं थोड़ी देर इंतजार करूंगा और उस के बाद जाऊंगा. मां कहा करती थीं कि अगर तुम्हारे मार्ग में कोई बाधा आए तो एक गिलास पानी पीना चाहिए."
उस के बाद ब्लैकी ने तारा का दिया पानी का गिलास पी लिया और फिर चल पड़ा.
वह अभी मुश्किल से कुछ ही दूर गया था कि उस ने फिर उसी काली बिल्ली को सड़क के किनारे बैठे देखा.
मुंह बनाते हुए, उस ने इसे पार करने की कोशिश की.
जैसे ही उस ने ऐसा किया, बिल्ली उछल पड़ी और एक बार फिर उस का रास्ता काट दिया यानी रोड पार कर गई.
गुस्से में उस ने बिल्ली को देखा और उसे कोसने लगा.
उस के बाद वह वापस अपने घर लौट आया.
घर पहुंच कर उस ने एक और गिलास पानी पीया तथा कुछ देर इंतजार करने के बाद फिर निकल पड़ा.
अच्छा हुआ है कि इस बार उस ने बिल्ली को नहीं देखा.
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