"चिंता मत करो, गोल्डी. हम जल्द ही एक पार्टी करेंगे," सरसवन के एक लोकप्रिय व्यवसायी डिंगो लोमड़ ने कहा.
"क्या कोई मूर्ख हमारे स्वादिष्ठ भोजन के लालच में काम करने के लिए फंसा है?" गोल्डी ने पूछा, उस के मुंह में पानी आने लगा.
"अभी नहीं, लेकिन हम जल्द ही एक को पकड़ लेंगे, इस साल सरसवन वार्षिक दिवस खुले मैदान में मनाया जाएगा और सभी छोटे जानवर जश्न मनाने के लिए वहां इकट्ठा होंगे. मैं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहूंगा."
“वार्षिक दिवस? यही पार्टी तुम ने मेरे लिए रखी है? मैं बच्चों की टौफीचौकलेट पार्टी में नहीं जाना चाहता,” गोल्डी ने मुंह बनाते हुए कहा.
यह सुन कर डिंगो ने गोल्डी को अपनी योजना ठीक से समझाई.
"ओह, अब मुझे समझ में आया. तुम्हारी योजना बेजोड़ है. मैं निश्चित रूप से तुम्हारे साथ चलूंगा,” गोल्डी ने खुशी से उछलते हुए जवाब दिया.
वार्षिक दिवस कार्यक्रम के आयोजक यह सुन कर बहुत खुश हुए कि डिंगो मुख्य अतिथि बनने के लिए तैयार है. डिंगो ने कार्यक्रम का आधा खर्च उठाने का वादा भी किया.
"यह बहुत अच्छी बात है कि आप बच्चों को उपहार भी वितरित करेंगे,” मुख्य आयोजक वैंडी हिप्पो ने डिंगो को धन्यवाद देते हुए कहा.
जब डिंगो ने गोल्डी को इस बारे में बताया तो वह हैरान रह गया. गोल्डी ने कहा, "हमारे पास तो एक भी रुपया नहीं है, तुम उपहार कहां से लाओगे ? तुम सब के सामने बेइज्जत हो जाओगे."
"अगर तुम मछली पकड़ना चाहते हो तो तुम्हें सब से पहले चारा डालना होगा. मैं उपहारों पर एक खास पाउडर छिड़कूंगा. जैसे ही मासूम जानवर उपहारों को पकड़ेंगे, वे पाउडर के असर गहरी नींद में सो जाएंगे. फिर तुम अपना काम आसानी से कर सकते हो."
This story is from the December First 2024 edition of Champak - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the December First 2024 edition of Champak - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.