जंगल की रक्षा की जिम्मेदारी हैरी हाथी पर थी. वह जंगल को कटने से बचाने में उस की पहरेदारी किया करता था.
“पापा, आज मैं भी आप के साथ चलूंगा,” जैरी ने हैरी हाथी से कहा.
“आज तुम्हें स्कूल नहीं जाना है क्या?” हैरी ने पूछा.
“आज हमारे स्कूल की छुट्टी है पापा,” जैरी बोला, "मुझे भी उन अजीब जानवरों को देखना है जो जंगल को नुकसान पहुंचाते हैं."
भला, हैरी को क्या ऐतराज हो सकता था. उस का बेटा हराभरा जंगल और उस के दुश्मनों के बारे में जानना चाहता था, जिन्होंने उन के जंगल को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी.
नष्ट होते जंगल को बचाने के लिए उन्हें यह उपाय करना पड़ा. बारीबारी से सभी जानवर जंगल की रखवाली करते थे, ताकि अजीब जानवर जंगल को नष्ट न कर पाएं.
“चलो, अब चलते हैं," कहते हुए हैरी अपने बेटे के साथ जंगल के बाहरी हिस्से की ओर चल पड़ा.
जैसे ही वे जंगल से बाहर के रास्ते पर आए उन्हें वह अजीब जानवर दिखाई दे गया.
“देखो, वह रहा अजीब जानवर," हैरी ने इशारा करते हुए कहा. जैरी चौंक गया, "हां, यह तो बहुत ही अजीब जानवर है,” उस ने बड़े गौर से उस जानवर को देखा.
फिर उस ने अपने कान पर हाथ लगाते हुए कहा, "मेरे कान देखो, कितने बड़े हैं? इन से मैं मक्खी भगाता हूं और हवा भी करता हूं. यह मेरी शान है.
“सही कहते हो बेटा, " हैरी ने कहा.
“लेकिन, उस के कान देखो. बहुत छोटे हैं," जैरी ने कहा.
This story is from the August Second 2022 edition of Champak - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the August Second 2022 edition of Champak - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
बर्फीला रोमांच
\"अरे, सुन, जल्दी से मुझे दूसरा कंबल दे दे. आज बहुत ठंड है,” मीकू चूहे ने अपने रूममेट चीकू खरगोश से कहा.
अलग सोच
\"वह यहां क्या कर रहा है?\" अक्षरा ने तनुषा कुमारी, जबकि वह आधी अधूरी मुद्रा में खड़ी थी या जैसे उन की भरतनाट्यम टीचर गायत्री कहती थीं, अरामंडी में खुद को संतुलित कर रही थी.
दादाजी के जोरदार खर्राटे
मीशा और उस की छोटी बहन ईशा सर्दियों की छुट्टी में अपने दादादादी से मिलने गए थे. उन्होंने दादी को बगीचे में टमाटरों को देखभाल करते हुए देखा. उन के साथ उन की बूढ़ी बिल्ली की भी थी. टमाटरों के पौधों को तैयार करना था ताकि वे अगली गर्मियों में खिलें और फल दें.
कौन कर रहा था, मिस्टर चिल्स से खिलवाड़
वीर और उस के दोस्त अपनी सर्दियों की यात्रा के लिए दिन गिन रहे थे. वे नैनीताल जा रहे थे और बर्फ में खेलने और उस के बाद अंगीठी के पास बैठने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आखिरकार जब वे नैनीताल पहुंचे, तो पहाड़ी शहर उन की कल्पना से भी ज्यादा मनमोहक था. बर्फ से जमीन ढक रखी थी. झील बर्फ की पतली परत से चमक रही थी और हवा में ताजे पाइन की खुशबू आ रही थी. यह एक बर्फीली दुनिया का दृश्य था, जो जीवंत हो उठा था.
मेरा संकल्प
जनवरी 2025 का पहला सप्ताह शुरू हो चुका था और 10 वर्षीय रोहन ने कोई संकल्प नहीं लिया था. वह जहां भी गया, स्कूल में, खेल के मैदान में और आसपड़ोस में सब जगह लोग नए साल के संकल्पों के बारे में बात कर रहे थे. रोहन भी एक महत्त्वपूर्ण और सार्थक संकल्प लेना चाहता था, लेकिन वह उलझन में था. वह एक ऐसा संकल्प लेना चाहता था, जो उस के लिए अच्छा हो और जिसे वह पूरे साल आसानी से पूरा कर सके.
सेल्वी का सरप्राइज
'चाय काप्पिई, चाय काप्पिई,' 'इडली वड़े, इडली वड़े,' बेचने वालों की तेज आवाज ने सेल्वी को जगा दिया. सूरज ढल चुका था और उस की ट्रेन अभी अभी तिरुनेलवेली जंक्शन में दाखिल हुई थी.
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...