मुझे हाथ उठाना है
Champak - Hindi|November First 2022
बच्चों की कहानी
नीलम राकेश
मुझे हाथ उठाना है

प्रार्थना सभा से जैसे ही बच्चे कक्षा में आए उ चहचहाट से कक्षा गुंजायमान हो उठी. उसी समय क्लास टीचर अंजलि मैम क्लास में आईं. उन के साथ एक छोटीसी नीली आंखों वाली गोलमटोल सी लड़की भी क्लास में आई. सब को बैठने का इशारा करने के साथ ही मैम ने उस बच्ची को देखा.

"बच्चो, यह तुम्हारी नई सहपाठी है. इस का नाम आयशा है. आज ही इस ने तुम्हारी कक्षा में एडमिशन लिया है. मुझे पूरी उम्मीद है तुम लोग इस से दोस्ती करोगे और जो काम इस का छूट गया है उसे पूरा करने में इस की मदद करोगे."

“जी मैम,” बच्चे एकसाथ बोले.

टीचर के चेहरे पर मुसकान खिल उठी. आयशा के बैठते ही अंजलि मैम पढ़ाने लगीं. हमेशा की तरह अपनी बात समाप्त कर के उन्होंने पूछा, "क्या आप सब को यह समझ में आ गया?”

पूरी क्लास में सन्नाटा था. धीरे से एक हाथ ऊपर उठा. यह हाथ आयशा का था.

"हां, आयशा, आप को कुछ पूछना है?" अंजलि मैम ने प्यार से पूछा.

“जी मैम, मुझे थोड़ा सा समझ में आया है. यदि आप इसे एक बार और दोहरा दें तो..." खड़े हो कर आयशा बोली.

“शाबाश आयशा, समझ न आने पर हमेशा हाथ उठा कर पूछना चाहिए. मैं तुम से बहुत खुश हूं बैठो,” आयशा को बैठा कर मैम फिर से चैप्टर को समझाने लगी.

आयशा की यह आदत हर कक्षा में दिखाई देने लगी. क्लास के सारे बच्चे इस बात के लिए उस का खूब मजाक उड़ाते. इस से आयशा परेशान थी.

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