रोरो खरगोश अपने पिगी बैंक से सिक्के गिन रहा था तभी उस की दोस्त हैटी मुर्गी वहां आई. उन्होंने कौर्नर पर स्थित एक फैंसी शौप पर जाने का निर्णय किया.
“हर चीज सेल पर है,” पिक्सी टट्टू ने कहा. उस के पास एक छोटा सा थैला था और उस ने उन्हें बताया कि उस ने एक पानी की बोतल, एक मास्क और एक स्पिनर यानी घिरनी खरीदी. हैटी ने कहा कि वह एक ज्वैलरी बौक्स खरीदना चाहती है.
“और मैं सूरजमुखी के बीज खरीदना चाहता हूं,' रोरो ने कहा.
तभी मौक्सी कबूतर उड़ कर वहां गुजरा. वह भी सूरजमुखी के बीज खरीदने जा रहा था, उस ने जिद की.
“तुम्हें जल्दी जाना चाहिए,” पिक्सी ने कहा, "सेल की चीजें खत्म होने वाली हैं.”
रोरो और हैटी तेजी से शौप की तरफ भागे और देखा, निश्चित रूप से शैल्फ पर बीज के पैकेट नहीं बचे थे. वहां जो कुछ भी उपलब्ध था, रोरो ने जल्दी से उन्हें उठा लिया. वहां पर प्लास्टिक का एक फावड़ा और रैक सेट था. 'ये तो बागवानी के लिए बिलकुल सही हैं,' उस ने सोचा.
जब घर की ओर लौटना हुआ तो रोरो ने बीज के पैकेट्स देखे. दो सूरजमुखी के थे, 4 डेजी के और एक मैरीगोल्ड यानी गेंदा के फूल का था. उस ने हैटी को बताया कि वह सूरजमुखी के बीज अपने गौरैया दोस्त के लिए खरीदना चाहता था.
“यह क्या गौरैया दोस्त?” हैट्टी ने पूछा जो कि खुश थी, क्योंकि उस ने सब से खूबसूरत ज्वैलरी बौक्स को ढूंढ़ लिया था, जिस के ढक्कन पर चमकदार मोती जड़े हुए थे.
पिछले वसंत में रोरो को एक युवा गौरैया मिली थी, जो हवा में उड़ गई थी और बगीचे में लेटी थी. वह पूरी तरह कीचड़ में सनी हुई और घायल थी. रोरो ने उसे आश्रय दिया, पानी, दूध और बीज दिए.
थोड़े से प्यार और देखभाल से युवा गौरैया ठीक हो गई थी और स्वयं ही जल्दी से उड़ना सीख गई. एक जूते के बौक्स से उस के लिए एक छोटा सा घर रोरो ने बना दिया था.
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