'कुछ भी हो, मुझे हिम्मत नहीं हारनी चाहिए,' यह सोच कर जैसे ही वह आगे बढ़ा तो खरगोश सतर्क हो गए, क्योंकि वे जानते थे कि जैकी की नीयत में हमेशा ही खोट रहता है.
“तुम यहां छिप कर क्या कर रहे हो? अगर तुम मुझे मारने की योजना बना रहे हो तो मैं तुम्हारे हाथों मरने के लिए तैयार हूं," जैकी ने कहा.
"हम यहां किसी को मारने के लिए नहीं आए हैं, बल्कि राजा शेरसिंह के लिए एक गिफ्ट तैयार कर रहे हैं," उन में से एक खरगोश ने उत्तर दिया.
"क्या आज राजा का जन्मदिन है ?"
"अरे नहीं, दरअसल, हम लोग एक त्योहार मना रहे हैं. उसी की तैयारी चल रही है," इतना कह कर खरगोश अपने काम में लग गए.
वे अंडों के छिलकों में मिठाई और चौकलेट भर रहे थे. ऐसा करने के बाद वे उन्हें गहरे रंगों में भी रंग रहे थे. जैकी यह सब देख कर हैरान रह गया. उस ने आज तक कभी ऐसा होते हुए नहीं देखा था.
वह अपने दोस्त वोफी भेड़िए के पास गया और उसे पूरी बात बताई.
"हां, मैं इस के बारे में जानता हूं, पर आज तक हमारे यहां जंगल में ऐसा किसी ने नहीं किया. इस त्योहार में अंडों के कई खेल खेले जाते हैं,"जैकी की बात सुन कर वोफी ने बताया.
"पता नहीं, तुम्हारी अकल कहां चली गई है? हम लोगों को भला इस त्योहार से क्या मतलब ? हमें तो अपना उल्लू सीधा करने से मतलब है. यह सोचो कि हम इस का क्या फायदा उठा सकते हैं," अपने दोस्त की बात सुन कर जैकी गुस्से में बोला.
"अरे हां, यह तो मैं भूल ही गया था. चलो, कोई" उपाय सोचते हैं," वोफी ने कहा.
"हम लोग ऐसा करेंगे कि उन अंडों से बड़ा एक और अंडा ढूंढ़ कर लाएंगे, उस में मिठाई और चौकलेट की जगह ढेर सारा लालमिर्च पाउडर भर देंगे."
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