सपना संगीता की लाड़ली बेटी थी, जो उस से बहुत प्यार करती थी. वह उस के पालनपोषण को ले कर काफी सतर्क रहती थी, हालांकि संगीता ने कभी उस के कामों में ज्यादातर उस के बांए हाथ का ही इस्तेमाल करने की आदत पर ध्यान नहीं दिया, जैसे कि वह मां का आंचल पकड़ती, अपने खिलौने उठाती या कभीकभी जब अंगूठा चूसती तो वह बाएं हाथ का ही अंगूठा होता था. संगीता ने प्रयास कर के पा का अंगूठा चूसना बंद करवा दिया, लेकिन संगीता ने यह ध्यान नहीं दिया कि वह अंगूठा बाएं हाथ का ही होता था.
हालांकि संगीता ने सपना को अपना अंगूठा चूसने से रोकने की कोशिश की, लेकिन वह इस बात पर ध्यान देने में असमर्थ रही कि उस के बाएं हाथ के लिए सपना की प्राथमिकता अंगूठा चूसने से अधिक थी.
जब सपना बड़ी हुई और स्कूल जाने लगी तो संगीता को एहसास हुआ कि वह लिखने के लिए अपने बाएं हाथ का इस्तेमाल करती है. संगीता को यह बड़ा अजीब लगा, उस ने कोशिश की कि सपना बाएं हाथ से लिखना बंद कर दाएं हाथ से लिखना शुरू कर दे. जब सपना ऐसा नहीं कर पाई तो उस ने सपना के पापा राकेश से शिकायत की. उन्होंने इसे कोई परेशानी नहीं माना.
वे संगीता को बारबार यही समझाते कि यह कोई बड़ा ऐब नहीं है, जो चिंतित करने वाला हो. बहुत से लोग से ऐसा करते हैं और साधारण लोगों को छोड़ दो, तो कई बड़े बड़े ऐसे लोग भी हुए हैं, जिन्होंने बाएं हाथ से सारे काम कर के बहुत से महान काम किए हैं.
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जो ढूंढ़े वही पाए
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