सब से पहले शाहिद ने हाथ खड़ा किया और बोला, “सर, मैं डाक्टर बनना चाहता हूं. मेरे मम्मी पापा दोनों डाक्टर हैं. मैं बड़ा हो कर उन की तरह ही डाक्टर बन कर लोगों की सेवा करना चाहता हूं."
"वैरी गुड."
"सर, मुझे आप की तरह साइंस टीचर बनना है और सब को अच्छी शिक्षा देनी है," रवि बोला.
"मैं तो बड़ा हो कर हीरो बनूंगा. मुझे मूवी के हीरो बहुत अच्छे लगते हैं," शौर्य ने कहा.
“सर, मैं डांसर बनूंगी, " निया बोली.
"मुझे आर्टिस्ट बनना है सर, " मयूरी ने कहा.
विपुल सब की बातें ध्यान से सुन रहा था. एकएक कर के सभी बच्चों ने अपनी इच्छा बता दी.
सर ने पूछा, "विपुल, तुम चुपचाप क्यों बैठे हो ? बताओ, तुम बड़े हो कर क्या बनोगे?"
वह चुपचाप अपनी जगह पर खड़ा हो गया, "घबराओ नहीं, आराम से बताओ तुम भी बड़े हो कर कुछ बनना चाहते होंगे."
"सर ... मैं बड़ा हो कर एस्ट्रो... नौट बनूंगा,” वह हकलाते हुए बोला.
उस की बात सुन कर सब बच्चे जोर से हंसने लगे.
शौर्य बोला, "अगर यह एस्ट्रोनौट बनेगा तो सैटेलाइट उड़ने से पहले ही जमीन पर गिर जाएगा."
“एस्ट्रौनौट को हर काम में चुस्त होना चाहिए. इस से तो बोला ही नहीं जाता. यह काम क्या करेगा?” शाहिद बोला.
“तुम सब बड़े हो कर कुछ न कुछ बनना चाहते हो. वैसे ही विपुल का सपना एस्ट्रोनौट बनने का है. तुम्हें उस का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए."
“सर, मैं ठीक कह रहा हूं. इसे कोई भी बात कहने में बहुत टाइम लगता है. यह बात करते हुए काफी हकलाता है. एक लाइन बोलने में कई ब्रेक लगाता है. यह एस्ट्रोनौट कैसे बन सकता है?” शौर्य बोला.
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अद्भुत दीवाली
जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"
डिक्शनरी
बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.
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भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, \"मेरे पास वयस्कों के लिए भले ही समय न हो, लेकिन बच्चों के लिए पर्याप्त समय है.\"
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\"तुम हर दुकान पर जा कर पटाखों की कीमत क्यों पूछ रहे हो, विदित? तुम्हारे पापा ने तुम्हारे लिए पहले ही हजार रुपए के पटाखे खरीद लिए हैं, चलो, मुझे अभी दीये और मिठाई भी खरीदनी है,\" विदित की मां ने झल्लाते हुए कहा.
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सीधा सादा सौदा
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