अंत में दौरे की शुरुआत की तारीख पर मौली सुंदरवन बंदरगाह से प्रस्थान करते हुए क्रूज पर सवार हुई. स्पा, स्विमिंगपूल, लाइब्रेरी, थिएटर, फूडकोर्ट, जिम, इनडोर और कुछ आउटडोर गेम जैसी सभी आवश्यक गतिविधियां क्रूज पर उपलब्ध थीं.
मौली ने क्रूज का एक चक्कर लगाया और सारी ने सुखसुविधाएं देख कर उत्साहित हो गई. कौंटिनेंटल फूडकोर्ट में स्वादिष्ठ दोपहर का भोजन करने के बाद वह थिएटर गई और वहां एक थ्रिलर फिल्म देखी.
स्पा का आनंद लेने के बाद शाम को मौली क्रूज के किनारे कैफे में आराम कर रही थी. अचानक डोडो गधे को देख कर वह हिल गई और सोफे से नीचे गिरे गई. डोडो क्रूज के ऊपरी डेक से उस की तरफ हाथ हिला रहा था.
मौली बहुत परेशान थी, क्योंकि वह जानती थी कि मुसीबत का दूसरा नाम डोडो है. कुछ ही समय में डोडो मौली के सोफे की बगल वाली कुरसी पर बैठा हुआ था. डोडो ने बहुरंगी अजीव ढंग के कपड़े और चांदी के रिफलैक्शन वाले सनग्लास यानी धूप चश्मा पहन रखा था और उस के हाथ में कुछ फ्लोरोसेंट रंग के जूस का एक गिलास था.
मौली डोडो को देख कर क्रोधित हो गई थी. उस ने अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने की कोशिश की और डोडो की ओर देख कर मुसकराई. उसे वहां पर देख कर वह खुश थी.
डोडो जिस के चेहरे पर शरारती मुसकान था, मौली से बोला, "मैं ने तुम्हें थिएटर में देखा था. यह एक अच्छी सस्पेंस थ्रिलर फिल्म थी."
मौली ने अपने चेहरे पर एक सामान्य भाव लाने का प्रयास किया और जवाब में सिर्फ अपना सिर हिलाया.
डोडो ने बातचीत को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, “मैम...” लेकिन मौली एक्स्क्यूज मी कह कर तेजी से वहां से चली गई और अपने कमरे में वापस आ गई.
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