"पौलिनेटर गार्डन यानी परागणक उद्यान क्या है?" सिया ने पूछा.
"परागणक उद्यान एक विशेष तरह का बगीचा है, जिसमें परागण करने वाले कीड़ों को आकर्षित करने के लिए फूलदार पौधे उगाए जाते हैं ताकि बगीचा तेजी से बढ़े," त्रिशा ने कहा.
उस ने आगे बताया, "परागणक ऐसे कीड़े और पक्षी हैं, जो फूलों के रस को ग्रहण करते हैं. चूंकि वे एक फूल से दूसरे फूल तक जाते हैं, इसलिए परागकणों या बीजों को एक फूल से दूसरे फूल तक ले जाते हैं. इसलिए बहुत फूल खिलते हैं."
"मुझे पता है कि तितलियां फूलों पर बैठती हैं और फूलों के अंदर जो रस भरा होता है, उसे चूसती हैं," सिया ने कहा.
"सही कहा," त्रिशा बोली, "मधुमक्खियां भौरे, भृंग, गुबरैला, पतंगे और हमिंगबर्ड सभी परागण करने वाले कीट हैं. पराग या रस अनाज जैसी चीजें हैं. वे कभीकभी किसी के लिए एलर्जी का कारण भी बनते हैं."
"हां, हमारी गणित की टीचर का कहना है कि उन्हें हमेशा पराग से एलर्जी हो जाती है. वह बहुत खांसी और छींकती हैं," सिया ने कहा.
"ठीक है, मेरा होमवर्क पूरा करने का समय हो गया है," त्रिशा ने सूरजमुखी का फूल बनाया और सिया ने कहा कि वह इसे रंगे. फिर वह अपना होमवर्क पूरा करने की कोशिश करने लगी.
"क्या हम पौलिनेटर गार्डन शो में जा सकते हैं?" सिया ने धीरे से पूछा.
त्रिशा ने एक मिनट सोचा और कहा, "ठीक है, अगर मां अनुमति देंगी तो."
सिया की मां ने सोचा कि यह एक अच्छा विचार है और उन के साथ आने का निर्णय किया.
This story is from the April Second 2024 edition of Champak - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the April Second 2024 edition of Champak - Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...
उड़ने वाली बेपहिया गाडी
दिसंबर की शुरुआती ठंडी धुंध भरी सुबह थी और डैनियल भालू अपने मित्र हौपी खरगोश से मिलने गया हुआ था...
औपरेशन चौकलेट कुकीज
\"क्या सैंटा इस बार क्रिसमस की पूर्व संध्या पर तुम्हारे घर आएगा?\" निशा ने जूली से पूछा...
रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"