"हां, यह वाकई मजेदार है, कोई पढ़ाई नहीं होगी," राधिका खुश हो कर बोली.
"आज मैथ्स का टैस्ट होना था, हमारे टीचर गुप्ता सर भूल गए थे, मैं ने हाथ उठा कर कहा कि सर, कल स्वतंत्रता दिवस है, तभी उन्होंने आज का टैस्ट, अगले सप्ताह रखा है," रोहित अपने कौलर खड़े करते हुए बोला.
"मैं प्रीति के साथ एक लोकप्रिय बौलीवुड गाने पर डांस करने जा रहा हूं. हम पिछले दो सप्ताह से प्रैक्टिस कर रहे हैं. मेरी ड्रैस देखो, क्या यह सुंदर नहीं है?" सान्या ने अपना रंगीन दुपट्टा निकाला और उसे देख कर तुरंत अंदर रख दिया.
विवेक ने अपना पेट सहलाते हुए कहा, "पहले एक सांस्कृतिक कार्यक्रम है और फिर हर साल की तरह हमें बूंदी के लड्डू और समोसे जैसे स्वादिष्ठ स्नैक्स मिलेंगे."
रोहित ने कहा, "स्कूल वालों को तो स्वतंत्रता दिवस हर महीने मनाना चाहिए."
"तुम बच्चों को पता है कि आ का दिन इतना खास क्यों है? क्या कोई मुझे बता सकता है कि 15 अगस्त को क्या हुआ था?" राजू भैया ने पूछा.
"यही वह दिन है, जब हमें अंग्रेजों से आजादी मिली थी," राधिका तपाक से बोली.
"क्या हम ने मांगी और उन्होंने ऐसे ही दे दी?" राजू भैया ने आगे कहा.
"नहीं, ऐसा नहीं हुआ. हम ने वर्षों तक लड़ाई लड़ी थी, अंग्रेजों के खिलाफ विरोधप्रदर्शन कर उन के सामान का बहिष्कार किया," दैविक ने अपने जज्बातों को इकट्ठा कर के कह डाला.
"देशवासियों के असंख्य बलिदान के बाद अंग्रेज भारत छोड़ने को मजबूर हुए," विवेक की बात सुन कर सब चुप हो गए.
"आप सब भावुक क्यों हो रहे हैं," राधिका ने टिप्पणी की.
"उन की वीरता के बारे में सोच कर ही हर कोई भावुक हो जाता है. सोचिए, अगर उन की जगह तुम होते तो यह सब कैसे संभालते?" दैविक ने राधिका से पूछा.
राजू ने उन की बात सुनने के बाद कहा, "अगर उन सभी सैनानियों ने आने वाली पीढ़ी के बारे में नहीं सुना होता और मजबूती से खड़े नहीं होते तो शायद आज हम आजादी के 77 साल का जश्न नहीं मना रहे होते."
"उन में से कुछ को पता था कि वे अपने जीतेजी भारत को आजाद होते कभी नहीं देख पाएंगे, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने जीवन का बलिदान दिया," दैविक ने कहा.
राधिका बोली, "काश, मुझे उन के बलिदान के लिए धन्यवाद करने का मौका मिलता."
Diese Geschichte stammt aus der August Second 2024-Ausgabe von Champak - Hindi.
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