बच्चे देश का भविष्य
Champak - Hindi|November Second 2024
भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.
कुसुम अग्रवाल
बच्चे देश का भविष्य

गांव की एक छोटी सी लड़की माला उन से मिलने के लिए काफी बेचैन थी.

उस ने अपनी मां से कहा, "मां, मैं चाचा नेहरू को फूलों की माला पहनाना चाहती हूं और उन्हें अपनी किताबें दिखाना चाहती हूं."

माला के पापा मजदूर थे. माला को पढ़ने का बहुत शौक था, हालांकि उस के पास ज्यादा किताबें नहीं थीं, लेकिन जो कुछ थीं, उन्हें वह संभाल कर रखती थी.

कार्यक्रम वाले दिन नेहरूजी गांव पहुंचे. लोग उन के स्वागत के लिए लाइन में खड़े थे और बच्चे उन की

एक झलक पाने के लिए आगे बढ़े. माला भी भीड़ के बीच निकली, लेकिन नेहरूजी के नजदीक पहुंचने में उसे काफी मुश्किल हुई. वह मायूस हो गई, तभी नेहरूजी की नजर उस के छोटे हाथों में कस कर पकड़ी किताबों के बंडल पर पड़ी.

"रुको, उस बच्ची को मेरे पास आने दो," नेहरूजी ने अपने सुरक्षाकर्मियों को निर्देश दिया.

यह देख कर माला कुछ घबराई, लेकिन रोमांचित हो कर वह धीरेधीरे नेहरूजी के पास पहुंची. खुशी से कांपते हुए उस ने फूलमाला नेहरू के गले में डाल दी. नेहरूजी ने गर्मजोशी से मुसकराते हुए उसके सिर पर हाथ फेरा और पूछा, "तुम्हारे पास ये किताबें क्यों हैं, बेटी?”

धीमी आवाज में माला ने जवाब दिया, "चाचा नेहरू, मुझे पढ़ना बहुत पसंद है, लेकिन मेरे पास ज्यादा किताबें नहीं हैं. मैं यह किताबें आप को दिखाने के लिए लाई हूं."

नेहरूजी उस की बात सुन कर एक पल के लिए चुप हो गए. फिर एक सौम्य मुसका के साथ उन्होंने कहा, “पढ़ाई के प्रति तुम्हारी लग्न इस देश का भविष्य है. मुझे विश्वास है कि तुम एक दिन महान विद्वान बनोगी."

Diese Geschichte stammt aus der November Second 2024-Ausgabe von Champak - Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der November Second 2024-Ausgabe von Champak - Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS CHAMPAK - HINDIAlle anzeigen
रिटर्न गिफ्ट
Champak - Hindi

रिटर्न गिफ्ट

\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.

time-read
4 Minuten  |
December First 2024
चांद पर जाना
Champak - Hindi

चांद पर जाना

होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.

time-read
4 Minuten  |
December First 2024
चाय और छिपकली
Champak - Hindi

चाय और छिपकली

पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.

time-read
5 Minuten  |
December First 2024
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
Champak - Hindi

शेरा ने बुरी आदत छोड़ी

दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"

time-read
4 Minuten  |
December First 2024
मानस और बिल्ली का बच्चा
Champak - Hindi

मानस और बिल्ली का बच्चा

अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.

time-read
5 Minuten  |
December First 2024
पहाड़ी पर भूत
Champak - Hindi

पहाड़ी पर भूत

चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.

time-read
5 Minuten  |
December First 2024
जो ढूंढ़े वही पाए
Champak - Hindi

जो ढूंढ़े वही पाए

अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.

time-read
4 Minuten  |
November Second 2024
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
Champak - Hindi

एक कुत्ता जिस का नाम डौट था

डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.

time-read
5 Minuten  |
November Second 2024
स्कूल का संविधान
Champak - Hindi

स्कूल का संविधान

10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.

time-read
5 Minuten  |
November Second 2024
तरुण की कहानी
Champak - Hindi

तरुण की कहानी

\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.

time-read
5 Minuten  |
November Second 2024