स्मार्टफोन से जुड़ी मनोवैज्ञानिक समस्याओं के बारे में आप अक्सर टेलीविजन पर सुनती होंगी और अखबार में पढ़ती होंगी, लेकिन क्या आप जानती हैं कि स्मार्टफोन का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल आपको कई तरह की पोस्चरल और मनोवैज्ञानिक समस्याएं दे सकता है। स्मार्टफोन से होने वाली इन दोनों तरह की समस्याओं का आपके जीवन पर गहरा असर पड़ता है और आप बीमारियों से घिर जाती हैं।
■ स्मार्टफोन की लत: स्मार्टफोन की लत उसे कहा जाता है, जब आप स्मार्टफोन का उपयोग तब भी करती हैं, जब यह जानती हैं कि आपको इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए या जब आप इसका उपयोग करने के लिए बहाने बनाती हैं। उदाहरण के लिए, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करना या बातचीत करना आदि। अगर स्मार्टफोन या एप्लिकेशन हटा दी जाए तो घबराहट के दौरे या असुविधा की भावनाएं सामने आती हैं। यह मटफोन की लत के लक्षण हैं।
■ नोमो फोबिया: नोमो फोबिया को समकालीन डिजिटल और आभासी समाज का एक विकार माना जाता है और यह मोबाइल फोन के संपर्क से बाहर रहने के कारण होने वाली असुविधा, चिंता, घबराहट या अत्यधिक परेशानी है।
■ नींद संबंधी विकार: यदि आप सोने से पहले फोन का उपयोग या लैपटॉप पर ब्राउज करना पसंद करती हैं तो स्क्रीन से निकलने वाली चमकदार नीली रोशनी नींद को नियंत्रित करने वाले हार्मोन मेलाटोनिन का उत्पादन करने से रोक सकती है और अनिद्रा को बढ़ावा दे सकती है। मेलाटोनिन हार्मोन आरामदायक नींद के लिए जरूरी है और अंधेरा होने पर स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होता है।
कुछ सुझाव काम आएंगे
This story is from the September 15, 2023 edition of Rupayan.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the September 15, 2023 edition of Rupayan.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
ढीला ढक्कन
“ओफ्फो श्रेया, कुछ काम तो तसल्ली से कर लिया करो। पता नहीं क्यों, हर समय जल्दबाजी में रहती हो?”श्रेया ने आवाज सुन वहीं से जानना चाहा और बोली, “अब क्या हुआ शेखर? क्या कर दिया मैंने?”
सर्दी के मौसम में अदरक का साथ
सर्दियों में अदरक का सेवन करने से शरीर को गरमी और ऊर्जा मिलती है, लेकिन इसका सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए?
ये परदे कुछ खास हैं
परदे घर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं और कमरे में रंग, पैटर्न और टेक्सचर की छटा बिखेरते हैं। परदे बाहर से आने वाली गंदगी को घर में आने से भी रोकते हैं और कमरे में एकांत की भावना पैदा करते हैं। इसके साथ ही खूबसूरत परदों के इस्तेमाल से फर्नीचर की शोभा भी बढ़ जाती है। आजकल बाजार में कई डिजाइनों के खूबसूरत परदे आसानी से मिल जाते हैं, जिससे घर की खूबसूरती में चार-चांद लगाए जा सकते हैं।
कहीं छोटा न रह जाए!
बच्चों की हाइट को लेकर कई माता-पिता परेशान रहते हैं, खासतौर से जिनकी हाइट उम्र के हिसाब से कम होती है। जानकार कहते हैं कि ऐसे में आत्मविश्वास को कमजोर न होने दें।
जेन-जी का आकर्षक स्टाइल
जेन-जी के फैशन ट्रेंड्स ने सर्दियों के फैशन को एक नया आयाम दिया है। उसकी स्टाइलिंग में एक ऐसा कॉन्फिडेंस और इनोवेशन है, जो उसे भीड़ में भी सबसे खास दिखाता है।
क्या फट गई हैं एड़ियां?
सर्दियों में कई महिलाओं की एड़ियां फटने लगती हैं। कभी-कभी तो यह समस्या इतनी विकराल हो जाती है कि एड़ियों खून तक आने लगता है। ऐसे आप क्या करती हैं?
नए साल में खिलें फूल की तरह!
दिन बदले। साल बदल गए। खुद को कितना बदला आपने? खुद को कितना 'नया' बनाया आपने? समय-समय पर सकारात्मक बदलाव जरूरी हैं, तभी जिंदगी में कुछ नया होता है।
सपनों की स्टीयरिंग
उस वक्त रोजगार की कोई खास समस्या नहीं थी। समस्या थी तो बस पिता के पास बैठ अपने सपने की बात करना।
पावभाजी मखनी
स्वाद बैंक-पावभाजी मखनी
तंदूरी प्याज कुलचा
स्वाद बैंक-तंदूरी प्याज कुलचा