"रोहित अभी पिछले हफ्ते ही तुमने नए जूते लिए थे, अब एक नई शर्ट चाहिए। वह भी ब्रांडेड ! इतनी फिजूल खर्ची नहीं करनी चाहिए, बेटा।" रेवती अपनी लाडले को समझा रही थी, लेकिन रोहित कुछ सुनने को तैयार ही नहीं था। उसे नई शर्ट चाहिए तो बस चाहिए। “आप नहीं समझतीं, मां। जमाना बदल गया है। दो दिन बाद ऋषभ की बर्थ-डे पार्टी है, एक बड़े होटल में! उसने हम सबको बुलाया है। क्या मैं वही पुरानी कमीज पहनकर जाऊं? इट्स नॉट कूल, मॉम!” दो टूक जवाब देकर रोहित धड़धड़ाते हुए अपने कमरे में चला गया। रेवती उसे देखती रह गई। उसे अपनी परवरिश की नींव हिलती दिख रही थी।
दरअसल, रेवती जैसी ही हालत आज अधिकतर मध्यम और निम्न-मध्यम वर्ग के मातापिता की है, जिससे अभिभावक अपने किशोरवय बच्चों की हरकतों से तनाव में आ रहे हैं। आए दिन दोस्तों द्वारा बड़े होटलों में दी जाने वाली पार्टियां, ब्रांडेड चीजों की चाहत और दोस्तों जैसा दिखने की होड़ में कहां जा रहा है आज का युवा वर्ग, कुछ पता नहीं। इस होड़ के शिकार मुख्यतः मध्यम और निम्न-मध्यम वर्गीय बच्चे बन रहे हैं, क्योंकि यह वह वर्ग होता है, जो अपने खून-पसीने की गाढ़ी कमाई बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए बचाकर रखता है। अब ऐसे में आए दिन बच्चों की फरमाइशें, जिनके हर बार पूरे नहीं होने से उनका उग्र हो जाना, फिर अपने माता-पिता को उल्टा-सीधा बोलना एक बड़ी चिंता का कारण बनता जा रहा है। साथियों के बीच अपना दबदबा दिखाने के लिए ब्रांडेड चीजों की मांग मध्यम वर्गीय अभिभावकों को परेशान कर रही है और बच्चों की डिमांड देखकर वे भी हतप्रभ हैं। पैरेंट्स के रोके जाने पर बच्चे उन्हें ही 'आउट डेटेड' घोषित कर देते हैं।
This story is from the March 01, 2024 edition of Rupayan.
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ढीला ढक्कन
“ओफ्फो श्रेया, कुछ काम तो तसल्ली से कर लिया करो। पता नहीं क्यों, हर समय जल्दबाजी में रहती हो?”श्रेया ने आवाज सुन वहीं से जानना चाहा और बोली, “अब क्या हुआ शेखर? क्या कर दिया मैंने?”
सर्दी के मौसम में अदरक का साथ
सर्दियों में अदरक का सेवन करने से शरीर को गरमी और ऊर्जा मिलती है, लेकिन इसका सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए?
ये परदे कुछ खास हैं
परदे घर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं और कमरे में रंग, पैटर्न और टेक्सचर की छटा बिखेरते हैं। परदे बाहर से आने वाली गंदगी को घर में आने से भी रोकते हैं और कमरे में एकांत की भावना पैदा करते हैं। इसके साथ ही खूबसूरत परदों के इस्तेमाल से फर्नीचर की शोभा भी बढ़ जाती है। आजकल बाजार में कई डिजाइनों के खूबसूरत परदे आसानी से मिल जाते हैं, जिससे घर की खूबसूरती में चार-चांद लगाए जा सकते हैं।
कहीं छोटा न रह जाए!
बच्चों की हाइट को लेकर कई माता-पिता परेशान रहते हैं, खासतौर से जिनकी हाइट उम्र के हिसाब से कम होती है। जानकार कहते हैं कि ऐसे में आत्मविश्वास को कमजोर न होने दें।
जेन-जी का आकर्षक स्टाइल
जेन-जी के फैशन ट्रेंड्स ने सर्दियों के फैशन को एक नया आयाम दिया है। उसकी स्टाइलिंग में एक ऐसा कॉन्फिडेंस और इनोवेशन है, जो उसे भीड़ में भी सबसे खास दिखाता है।
क्या फट गई हैं एड़ियां?
सर्दियों में कई महिलाओं की एड़ियां फटने लगती हैं। कभी-कभी तो यह समस्या इतनी विकराल हो जाती है कि एड़ियों खून तक आने लगता है। ऐसे आप क्या करती हैं?
नए साल में खिलें फूल की तरह!
दिन बदले। साल बदल गए। खुद को कितना बदला आपने? खुद को कितना 'नया' बनाया आपने? समय-समय पर सकारात्मक बदलाव जरूरी हैं, तभी जिंदगी में कुछ नया होता है।
सपनों की स्टीयरिंग
उस वक्त रोजगार की कोई खास समस्या नहीं थी। समस्या थी तो बस पिता के पास बैठ अपने सपने की बात करना।
पावभाजी मखनी
स्वाद बैंक-पावभाजी मखनी
तंदूरी प्याज कुलचा
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