सुबह 'एक और झपकी ले लेती हूं' सोचकर आपने अलार्म बंद कर दिया। अलार्म जब दोबारा बजा तो समय इतना हो चुका था कि आप हड़बड़ी में उठकर तेजी से किचन की ओर दौड़ीं। जैसे-तैसे किचन का काम समेट ही रही थीं कि बच्चों और पति को उठाने का समय हो गया। फिर किचन का काम आप खत्म करने ही वाली थीं कि पति बोलने लगे, "मेरे कपड़े कहा हैं? ढूंढकर दो।" आप पति को कपड़े देकर अपने काम करने लगी कि तभी बच्चों ने चीख-पुकार मचानी शुरू कर दी - "मेरी किताबें नहीं मिल रहीं, मम्मी। आज स्कूल में कलर बॉक्स लेकर जाना है, आपको मैंने बताया था। प्लीज ढूंढकर दे दो, वरना टीचर डांटेंगी।" इस बीच सास-ससुर की चीनी और बिना चीनी की चाय के साथ आपको अखबार भी तो देना है। फिर भी इतना सब करने के बाद कुछ न कुछ छूट ही जाता है और आपको बच्चों तथा पति को उनका टिफिन देने के लिए उनके पीछे भागना पड़ता है।
इन सबके बाद आप जैसे-तैसे खुद ऑफिस जाने के लिए अपने कामों में लगती हैं, लेकिन अगर आप समय की कमी की वजह से गीले बालों, बिना इस्त्री किए कपड़ों और हाथ में सैंडविच लेकर घर से भागते हुए निकलती हैं और अपने बाल संवारने तथा मेकअप करने जैसे काम मेट्रो या ऑफिस कैब में करती हैं तो एक बार अपनी इस हड़बड़ी और भागमभाग भरी सुबह के बारे में सोचें। क्या यह सही है? क्या आप इतने सबके बाद पूरा दिन सही काम कर पाती हैं? शायद नहीं, क्योंकि यह हड़बड़ाहट शारीरिक थकान के साथ ही मानसिक थकान को भी बढ़ाती है, जो कि तन के साथ मन को भी बहुत परेशान करती है। इससे आपको सिर दर्द और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं होने लगती हैं और आपके पास अपनी सहेली से बात करने के लिए घर की परेशानियों एवं इस भागमभाग के अलावा और कुछ नहीं होता है। ऐसे में क्यों न आप अपनी सुबह को खुशनुमा बनाने पर काम करें, ताकि तनावमुक्त होकर अपनी सभी जिम्मेदारियों को पूरा कर सकें। इसमें विदेशों में अपनाई जाने वाली 'स्लो मॉर्निंग' की अवधारणा आपके लिए मददगार साबित हो सकती है।
क्या है 'स्लो मॉर्निग'
This story is from the June 07, 2024 edition of Rupayan.
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ढीला ढक्कन
“ओफ्फो श्रेया, कुछ काम तो तसल्ली से कर लिया करो। पता नहीं क्यों, हर समय जल्दबाजी में रहती हो?”श्रेया ने आवाज सुन वहीं से जानना चाहा और बोली, “अब क्या हुआ शेखर? क्या कर दिया मैंने?”
सर्दी के मौसम में अदरक का साथ
सर्दियों में अदरक का सेवन करने से शरीर को गरमी और ऊर्जा मिलती है, लेकिन इसका सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए?
ये परदे कुछ खास हैं
परदे घर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं और कमरे में रंग, पैटर्न और टेक्सचर की छटा बिखेरते हैं। परदे बाहर से आने वाली गंदगी को घर में आने से भी रोकते हैं और कमरे में एकांत की भावना पैदा करते हैं। इसके साथ ही खूबसूरत परदों के इस्तेमाल से फर्नीचर की शोभा भी बढ़ जाती है। आजकल बाजार में कई डिजाइनों के खूबसूरत परदे आसानी से मिल जाते हैं, जिससे घर की खूबसूरती में चार-चांद लगाए जा सकते हैं।
कहीं छोटा न रह जाए!
बच्चों की हाइट को लेकर कई माता-पिता परेशान रहते हैं, खासतौर से जिनकी हाइट उम्र के हिसाब से कम होती है। जानकार कहते हैं कि ऐसे में आत्मविश्वास को कमजोर न होने दें।
जेन-जी का आकर्षक स्टाइल
जेन-जी के फैशन ट्रेंड्स ने सर्दियों के फैशन को एक नया आयाम दिया है। उसकी स्टाइलिंग में एक ऐसा कॉन्फिडेंस और इनोवेशन है, जो उसे भीड़ में भी सबसे खास दिखाता है।
क्या फट गई हैं एड़ियां?
सर्दियों में कई महिलाओं की एड़ियां फटने लगती हैं। कभी-कभी तो यह समस्या इतनी विकराल हो जाती है कि एड़ियों खून तक आने लगता है। ऐसे आप क्या करती हैं?
नए साल में खिलें फूल की तरह!
दिन बदले। साल बदल गए। खुद को कितना बदला आपने? खुद को कितना 'नया' बनाया आपने? समय-समय पर सकारात्मक बदलाव जरूरी हैं, तभी जिंदगी में कुछ नया होता है।
सपनों की स्टीयरिंग
उस वक्त रोजगार की कोई खास समस्या नहीं थी। समस्या थी तो बस पिता के पास बैठ अपने सपने की बात करना।
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तंदूरी प्याज कुलचा
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