फलदार पौधों की नर्सरी का कारोबार आमदनी की बहार
Farm and Food|August Second 2023
फलदार वृक्षों में सर्वाधिक बागबानी में आम, लीची, बेल, अनार, आंवला, अमरूद आदि शामिल हैं. इस में कुछ की नर्सरी कलम विधि से, तो कुछ की नर्सरी गूटी विधि से तैयार करना अच्छा होता है.
बृहस्पति कुमार पांडेय
फलदार पौधों की नर्सरी का कारोबार आमदनी की बहार

फलदार पौधों की बागबानी शुरू करने के लिए अधिक पैदावार देने वाली अच्छी प्रजाति के पौधों की जरूरत होती है. ये पौधे उद्यान विभाग की नर्सरी या प्राइवेट नर्सरियों से आप खरीद कर लाते हैं. इस के लिए पौध की किस्मों के अनुसार 30 रुपए से ले कर 200 रुपए प्रति पौध की दर से भुगतान कर के खरीदना पड़ता है.

अगर हमारे किसान स्वयं फलदार पौधों की उन्नत प्रजातियों की नर्सरी तैयार कर बागबानी के लिए उपयोग में लाएं, तो उन्हें विश्वसनीय प्रजाति के साथ अच्छे उत्पादन देने वाले पौधे कम लागत में प्राप्त हो सकते हैं.

इसी के साथ आम की नर्सरी को कारोबारी स्तर पर तैयार कर अन्य किसानों और बागबानी के शौकीन लोगों में बेच कर अच्छी आमदनी प्राप्त की जा सकती है.

कलम विधि से नर्सरी करें

फलदार पौधों में अगर आम की नर्सरी तैयार करनी है, तो उस के लिए सब से उपयुक्त कलम विधि होती है, क्योंकि इस विधि से हम जिस प्रजाति के पौधों को तैयार करना चाहते हैं, वह कम समय और कम लागत में तैयार हो जाती है. साथ ही, पौधे में फल भी जल्दी आना शुरू हो जाते हैं.

इस के लिए जरूरत होती है कि जिस प्रजाति के पौधे तैयार करने हों, उसी प्रजाति के 5-6 साल पुराने पौधे, जिसे उद्यान की भाषा में मदर प्लांट कहा जाता है, आप के पास लगे हों. इन्हीं पुराने पौधों के कल्ले को कलम कर बीज से तैयार पौधों में संवर्धित किया जाता है.

बीज व गुठलियों से पौध

आम या अन्य फलदार पौधे, जिस की कलम विधि से नर्सरी तैयार की जा सकती है. उस के लिए बीजू पौधों की जरूरत पड़ती है. इस के लिए गुठलियों या बीज को जमीन में रोप कर तैयार किया जाता है. बीज से पौध तैयार करने के लिए भूमि के चयन पर ध्यान देना जरूरी होता है.

इस के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है, जिस में गोबर की सड़ी खाद या उपलब्धता के अनुसार वर्मी कंपोस्ट मिला कर मिट्टी को भुरभुरी बना लेते हैं. इस में यह भी ध्यान देना होता है कि जिस स्थान पर हम बीज या गुठलियों को नर्सरी में डाल रहे हैं, वहां की जमीन समतल व ऊंची हो, जहां बरसात का पानी न लगे.

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