ड्राई फ्रूट्स
प्राचीन काल के ऋषि-मुनियों ने भी स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए सूखे मेवों को उपयोगी बताया है। आज आहार विशेषज्ञों की सूची में यह पहले स्थान पर है।
क्या कहते हैं आहार विशेषज्ञ?
संतुलित आहार सबके लिए जरूरी है, लेकिन एग्जाम के समय में इसका महत्त्व और ज्यादा बढ़ जाता है, क्योंकि यह मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार के तनावों को कम करता है। पोषक तत्त्वों का सही मात्रा में प्रयोग न केवल बच्चे की शारीरिक क्षमता को बढ़ाता है। वरन उसके मन को एकाग्र, स्मरण शक्ति को तेज और सब चीजों में सामंजस्य बैठाने में सहायता करता है। ड्राई फ्रूट्स दिमाग को सक्रिय करने के साथ स्नायु तंत्र को भी कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं मनुष्य के मस्तिष्क का 70 प्रतिशत भाग अम्लीय वसा से बना है जो दिमाग की कोशिकाओं को बढ़ने में मदद करता है। इस वसा का निर्माण शरीर सामान्य आहार द्वारा नहीं कर सकता। काजू, बादाम, अखरोट, मूंगफली आदि में यह वसा अत्यधिक मात्रा में पाई जाती है। इसके अलावा इन ड्राई फ्रूट्स में मौजूद अन्य पोषक तत्त्व रक्त वाहिकाओं द्वारा भरपूर मात्रा में ऑक्सीकृत रक्त मस्तिष्क तक पहुंचाते हैं।
अखरोट में उपस्थित ओमेगा-3, ओमेगा-6, विटामिन-ई और बी-6 तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) के लिए आवश्यक होता है। इसके द्वारा एग्जाम में नकारात्मक विचारों से लड़ने में सहायता मिलती है। बादाम और काजू में मिलने वाले सोडियम, मैग्नीशियम और विटामिन-ई तनावमुक्त नींद लाने में भी सहायक होते हैं। ड्राई फ्रूट्स को सलाद, दूध, जूस, पराठे, गजक, टिक्की आदि किसी भी रूप में खाया जा सकता है। बच्चे एक दिन में कितने ड्राई फ्रूट्स खा सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं है, लेकिन एक मुट्ठी भुने हुए ड्राई फ्रूट्स उनके लिए काफी होते हैं।
ताजे फल
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तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
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एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
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