सर्दी का मौसम सबसे ज्यादा स्वस्थ व सुंदर माना जाता है बशर्ते सही तरह से उसमें बचाव के साथ रहा जाए। खासकर छोटे बच्चों को सदी में बचाव की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। छोटे बच्चों की सर्दी में देखरेख का दायित्व माता-पिता पर ही होता है। अतः उन माता-पिता को जिनके बच्चे छोटे हैं उनको चाहिए कि वो बच्चों की देखभाल करते वक्त सर्दी में निम्न बातों का विशेष ख्याल रखें-
गर्म कपड़े
छोटे बच्चों को कपड़े पहनाते वक्त विशेष ध्यान रखें उनको सबसे पहले वूलन इनर जरूर पहनाएं ताकि उनको सीने में गरमाहट रहे क्योंकि सीने की गरमाहट से पूरी शरीर को गरमाहट व राहत मिलती है। उसके बाद 2 या 3 स्वेटर मौसम की जरूरत के हिसाब से पहनाएं।
• बच्चों के सिर, पैर, कानों को हमेशा ऊनी कपड़ों से ढंककर रखें क्योंकि इन तीनों के ऊपर सबसे ज्यादा ठंड का असर पड़ता है। और सबसे जल्दी ये ठंड की चपेट में आ जाते हैं। अतः इनको कवर करके ही रखें।
• छोटे बच्चों के कपड़ों का चयन करते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बच्चों के कपड़े हल्के, मुलायम व गर्म हो। कपड़े भारी बिलकुल ना हो, ताकि बच्चे उनको आसानी से पहन सकें।
• हाथों में दस्ताने व पैरों में मोजे पहनाएं, साथ ही पैंट के नीचे वार्मर भी पहनाएं, जिससे बच्चे गरमाहट से भरे रहें। ठंड कम हो तो वार्मर न पहनाएं।
• मोजे व दस्ताने ठंड में ऊनी कपड़ों के ही लें तभी फायदा होगा अन्यथा नहीं।
स्नान यानी बाथ
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सर्दियों में भी रखें वास्तु का ख्याल
सर्दी के इस मौसम में कुछ वास्तु उपाय करके आप सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं कौन से हैं वो उपाय आइए लेख के माध्यम से जानें?
विश्व का महापर्व नववर्ष
विश्व के सभी देशों की अपनी अलग परंपराएं और पर्व होते हैं। किन्तु नववर्ष एक ऐसा पर्व है जो सभी देशों द्वारा एक साथ मनाया जाता है। भले ही इस पर्व को मनाने के तरीके अलग हों।
हम नित्य नवीन हों
जीवन में नवीनता का अर्थ क्या है नित्य नवीनता, नित्यनूतन सकारात्मकता। उस परमात्मा के उद्देश्य को पूर्ण करना जिसने बड़े प्रेम से सृष्टि और मनुष्य की रचना की है, इस शरीर में सब कुछ होते हुए भी प्राण निकलने पर इस शरीर में दुर्गंध आने लगती है। अगर हम एक पेंटिंग बनाते हैं तो हम कितने खुश होते हैं यदि कोई पेंटिंग खराब कर दे तो हमें कितना बुरा लगता है। हम सब ईश्वर की बनाई हुई एक सुन्दर कृति हैं हम जब बुरे कर्म करते हैं तो उस परमेश्वर को कितना दुख होता होगा, नवीन हम तभी बनेंगे जब हम नकारात्मक विचार त्यागेंगे और जीवन के सकारात्मक उद्देश्य को आत्मसात करेंगे। महात्मागांधी ने कहा है -
सामाजिक आदर्श का प्रतीक बने कुम्भ मेला
स्नान, दान का महापर्व कुम्भ आस्था का ऐसा मेला है जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु जन पहुंचते हैं। मेला किन अर्थों में महत्त्वपूर्ण व किस प्रकार सामाजिक आदर्श का प्रतीक बन सकता है। आइए जानते हैं लेख से।
हिन्दू ग्रंथों में महाकुम्भ
महाकुम्भ की महिमा का गुणगान हमारे धर्मग्रंथों में भी मिलता है। महाकुम्भ पर क्या कहते हैं हमारे धर्म ग्रंथ व कुम्भ में स्नान के महत्त्व को? आइए जानते हैं लेख से
जीवनशैली में बदलाव लाकर बनाएं पैन्क्रियाज को सेहतमंद
पाचन संबंधी परेशानियां हैं तो पेट से संबंधित कोई भी छोटी-सी समस्या को न करें नजरअंदाज, ऐसा न हो कि पैन्क्रियाटाइटिस या पैन्क्रियाटिक कैंसर जैसे रोग का करना पड़े सामना। सावधान रहें, स्वच्छ और पौष्टिक आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
शरीर ही बताए अच्छी सेहत का राज
अब आपके दिमाग में सवाल उठेगा कि हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत अच्छी है, इसका पता कैसे लगे? तो बता दें कि यह जानने के लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है। आपका शरीर खुद ही बताएगा कि आप आंतरिक रूप से स्वस्थ हैं कि नहीं। इन 11 लक्षणों से जानें, जो सेहतमंद होने की निशानी है।
सर्दी का मौसम व बच्चों की देखभाल ऐसे करें
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साल के 12 महीनों में सिर्फ कैलेंडर के पेज ही नहीं बदलते बल्कि हर महीने के अनुसार हमारा मूड भी बदलता रहता है। तो चलिए जानते हैं क्यों और कैसे बदल जाता है हर मौसम के हिसाब से मूड...
डिटॉक्स वॉटर से कम करें वजन
पानी का स्वाद और पोषण बढ़ाने के लिए उसमें कई तरह के फलों और सब्जियों को मिलाकर डिटॉक्स वॉटर बनाया जाता है। ये वॉटर आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के साथ वजन भी नियंत्रित करता है।