मकर संक्रांति का अध्यात्मिक महत्त्व
Sadhana Path|January 2024
यूं तो हम सभी के लिए त्योहारों का मतलब होता है हंसी, उल्लास और उमंग लेकिन सही मायनों में त्योहारों का महत्त्व उससे कहीं बढ़ कर और गूढ़ होता है।
सुरेश मुंजाल
मकर संक्रांति का अध्यात्मिक महत्त्व

भारत के अनेक पर्वों और त्योहारों में 'मकर संक्रांति' की अपनी अलग एक पहचान है। वर्ष में यही एकमात्र पर्व है, जो 'सौर पंचांग' के आधार पर मनाया जाता है। सूर्य जब अपनी परिक्रमा के बीच धनुराशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, तो मकर संक्रांति होती है। दो राशियों के संक्रमण के साथ ही इस दिन को दो ऋतुओं (शिशिर और बसंत) का संघिकाल भी माना जाता है।

शीत पर धूप की विजय के रूप में मनाया जाने वाला मकर संक्रांति का पर्व, प्रायः पौश (पूस) मास में पड़ता है, जबकी पूस को खरमास मानने के कारण, इस महीने में और कोई पर्व या त्योहार नहीं पड़ता। आज के दिन से ही सूर्य का उत्तरायण काल आरंभ होता है, जिससे दिन के परिणाम में वृद्धि होती है और रात घट है। अब चूंकि सूर्य द्वारा यह राशि परिवर्तन 14 जनवरी को ही होता है, इसलिए मकर संक्रांति प्रतिवर्ष 14 जनवरी को मनाई जाती है। उत्तर भारत के लोग आपसी मेल-मिलाप के इस पर्व को खिचड़ी के नाम से पुकारते हैं, वहीं दक्षिण भारत में इसे पोंगल के नाम से जाना जाता है। इस पर्व में गन्ने और चावल बांटे जाते हैं। इस दिन तुलादान का विशेष महत्त्व है।

संक्रांति का महत्त्व

मकर संक्रांति से रथ सप्तमी तक, वातावरण में रज-सत्त्व गुणयुक्त तरंगें अधिक मात्रा में कार्यरत होती हैं, इसलिए यह काल साधना हेतु पोषक होता है।

संक्रांति पर तिल का प्रयोग क्यों करते हैं?

तिल में सत्त्व-तरंगें ग्रहण एवं प्रक्षेपित करने की क्षमता अधिक होने के कारण, शरीर में सत्त्व गुण बढ़ता है। तिलयुक्त पानी में नहाने से बाह्यशुद्धि एवं तिल के सेवन से अंतः शुद्धि होती है।

संक्रांति पर उपहार (दान) क्यों देते हैं?

'उपहार देना' यानी दूसरे जीव में विद्यमान देवत्व के प्रति तन, मन एवं धन के त्याग द्वारा शरण जाना। संक्रांति के काल में किए गए दान के कारण देवता की कृपा होती है एवं जीव को मनोवांछित फल प्राप्ति होती है।

This story is from the January 2024 edition of Sadhana Path.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

This story is from the January 2024 edition of Sadhana Path.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM SADHANA PATHView All
तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
Sadhana Path

तुलसी से दूर करें वास्तुदोष

हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।

time-read
2 mins  |
November 2024
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
Sadhana Path

क्यों हुआ तुलसी का विवाह?

कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।

time-read
4 mins  |
November 2024
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
Sadhana Path

बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा

हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

time-read
7 mins  |
November 2024
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
Sadhana Path

सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक

सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।

time-read
5 mins  |
November 2024
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
Sadhana Path

सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन

भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा। जानें इस लेख से छठ पर्व की महत्ता।

time-read
5 mins  |
November 2024
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
Sadhana Path

एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'

छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।

time-read
7 mins  |
November 2024
जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया
Sadhana Path

जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया

सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जाल में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी फंसते जा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि बच्चे धीरे-धीरे वर्चुअल दुनिया में ज़्यादा व्यस्त रहने की वजह से वास्तविक दुनिया से दूर होते जा रहे हैं।

time-read
3 mins  |
November 2024
सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
Sadhana Path

सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ

अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?

time-read
3 mins  |
November 2024
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
Sadhana Path

लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा

लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की। इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-

time-read
5 mins  |
November 2024
योगा सीखो सिखाओ और बन जाओ लखपति
Sadhana Path

योगा सीखो सिखाओ और बन जाओ लखपति

हमारे पास पैसे नहीं और ललक है लखपति बनने की, ऐसी चाह वाले व्यक्ति को हरदम लगेगा कि कैसे हम बनेंगे पैसे वाले। किंतु यकीन मानिए कि आप निश्चित रूप से लखपति बन सकते हैं केवल योगा का प्रशिक्षण लेकर और योगा सिखाने से ही।

time-read
2 mins  |
November 2024