तुलसी के पौधे की परिक्रमा करते हुए ऐसे करें माता लक्ष्मी को प्रसन्न
Sadhana Path|February 2024
तुलसी के पौधे को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है। हिन्दू धर्म के मान्यता के अनुसार इस एक पवित्र पौधा गया है। इसका महत्व वेदों और पुराणों में स्पष्टता से बताता गया है। तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल हिन्दू धर्म के पूजा पाठ में किया जाता है। तुलसी के पत्ते भगवान विष्णु और इनके स्वरूपों को चढ़ाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु को बिना तुलसी के पत्तों से भोग नहीं चढ़ाया जाता है, बल्कि भगवान विष्णु के भोग में तुलसी पत्र अनिवार्य है। भगवान विष्णु समेत, कृष्ण और हनुमानजी को भी तुलसी के पत्तों के साथ ही भोग अर्पित करते हैं। केवल गणेशजी, शिवजी और देवियों को तुलसी पत्र नहीं चढ़ाया जाता है।
दीपशिखा
तुलसी के पौधे की परिक्रमा करते हुए ऐसे करें माता लक्ष्मी को प्रसन्न

हिन्दू धर्म में प्रत्येक घर में तुलसी का पौधा होना अनिवार्य है। साथ ही इसकी पूजा का भी विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है जिस घर के आंगन में तुलसी का पौधा होता है, उस घर से नकारात्मक शक्तियां कोषों दूर रहती है।

तुलसी के पौधे की परिक्रमा करना एक प्राचीन परंपरा है जिससे माता लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

तुलसी का महत्व अनेक प्रकार से है, परंतु माता लक्ष्मी की कृपा पाने का ये सरल और महत्वपूर्ण तरीका है। क्योंकि लक्ष्मी देवी का वास तुलसी के पौधे में होना माना जाता है।

तुलसी परिक्रमा करते के नियम

हमारे शास्त्रों के अनुसार तुलसी की पूजा और परिक्रमा के कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं। क्योंकि बिना नियमों को पालन किए बिना तुलसी की पूजा का फल प्राप्त नहीं किया जा सकता है। तुलसी की परिक्रमा करने से पहले हमेशा स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद ही तुलसी में जल अर्पित करने के बाद ही परिक्रमा करनी चाहिए। बिना स्नान। किए कभी भी तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए।

तुलसी की पूजा और परिक्रमा से पहले करने हमेशा भगवान सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए और उसके बाद तुलसी के पौधे में जल अर्पित करते हुए 'गायत्री मंत्र' का जाप करना चाहिए। आप चाहें तो परिक्रमा करते हुए भी जल अर्पित कर सकते हैं। अगर आपके घर में तुलसी इस प्रकार रखी है कि आप उसके चारो तरफ घूम सके।

This story is from the February 2024 edition of Sadhana Path.

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