भगवान शिव सदा भगवान विष्णु का ध्यान करते हैं और श्री हरि सदाशिव का, इसीलिये जब जब भगवान विष्णु ने इस पावन धरा पर अवतार लिया, तो भोलेनाथ उनके दर्शन के लिये जरूर आये। इसीलिये महादेव को भगवान विष्णु का भक्त अर्थात परम वैष्णव कहा गया है। उनके कई रूप हैं, आइये मिलते हैं उनके विभिन्न रूपों से-
तपस्वी शिव
कैलाश शिखर की शिला पर बैठे, एकांतवासी बाघम्बर लपेटे जटाजूट पर चन्द्र, शीश पर गङ्गा, ध्यानमग्न तीन नेत्र, गले मे वासुकि नाग डाले, भस्म रमाये इष्ट के ध्यान में लीन, सुध ही नहीं, न डमरू न त्रिशूल, न कोई राग पूर्ण बैरागी।
गृहस्थ शिव
जब उनके गृहस्थ रूप को ध्यान करते हैं तो उन्हें हम विसंगतियों के साथ संगति में जीना सिखाते हैं, हर सदस्य एक-दूसरे से विपरीत परंतु फिर भी एक-दूसरे के साथ।
अघोरी शिव
घोर कहते हैं संसार को जिसे सब कुछ सुंदर चाहिये और शिव को सबसे प्रेम है, जिसे संसार से प्रेम नहीं मिला उससे भी । इसलिये उन्हें अघोरी कहते हैं, चिताभस्म को लपेटकर जो राम में रमे वह शिव है। उनके उस रूप से मनुष्य का मिलन मरने के बाद ही हो पाता है।
तांत्रिक शिव
तंत्र का अर्थ होता है- सिस्टम यानी क्रमबद्धता। विभिन्न इतर योनियों से मिलने वाली सहायता जो साधारण जीवन में संभव नहीं। उनसे जुड़ी क्रियाओं का मार्ग भी दाम, वाम है पर जाता सब कुछ शिव की ही ओर है। उसे शिव के इस रूप से प्राप्त किया जाता है सारी इतर योनियों भूतप्रेत, नाग, विष, सर्प, पिशाच, यक्ष जिन्हें कोई भोजन नहीं देता।
भगवान उन्हें भी आजीविका देते हैं इसीलिये उन्हें भूतभावन कहा जाता है।
प्रेमी शिव
उन्हें भी जनसामान्य की तरह अपनी प्रिया से इतना प्रेम है कि उनकी जली हुई देह लेकर वियोग में सब कुछ भुलाकर फिरते हैं और इंद्र के नन्दन कानन के एक पारिजात पुष्प की कामना पर वही शिव माता पार्वती के लिये पूरा वन रच डालते है।
परम् वैष्णव महादेव
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पहली सर्दी में नवजात शिशु का रखें खास ध्यान
वैसे तो सर्दियों का मौसम सभी के लिए कुछ अलग ही एहसास लेकर आता है, लेकिन नवजात और उसकी मां के लिए ये मौसम बेहद ख़ास होता है। नवजात शिशु की मां हर पल इसी चिंता में डूबी रहती है कि कहीं बच्चे को ठंड और वो बीमार न पड़ जाए।
वास्तु उपायों से बनाएं नववर्ष को मंगलमय
नया साल अपने साथ खुशियां और सौहार्द लेकर आता है। ऐसे में पूरे वर्ष को और भी ज्यादा वास बनाने के लिए वास्तु संबंधित कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं। इससे घर की परेशानियां दूर होने के साथ आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलेगा।
ज्योतिर्लिंग, रावणेश्वर महादेव
शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है पूर्वी भारत में देवधर के 'रावणेश्वर महादेव'। उनके देवधर में आवास की कथा बेहद रोचक और अद्भुत है। लंकापति रावण की मां शिवभक्त थी।
ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा
सू एपलटन अपने पूर्व जन्म से ही ओशो की प्रेमिका रही है। अप्रैल 1971 में ओशो द्वारा संन्यास दीक्षा ग्रहण की। ओशो उसे नया नाम मा योग विवेक दिया। मा विवेक दिसंबर 09, 1989 को अपने भौतिक जीवन से पृथक हो गई।
मुझे कभी मृत मृत समझना मैं सदा वर्तमान हूं
ओशो ने मृत्यु को उसी सहजता और हर्ष से वरण किया था जिस प्रकार से एक आम व्यक्ति जीवन को करता है। उन्होंने जगत को यही संदेश दिया कि मृत्यु के प्रति सदा जागरूक रहो, उसे वरण करो। आज ओशो भले ही अपना शरीर छोड़ चुके हों लेकिन अपने विचारों के माध्यम से वो आज विश्व में कहीं ज्यादा विस्तृत, विशाल रूप से मौजूद हैं।
सर्दी बीतेगी मजेदार, जब अपनाएंगी ये 7 घरेलू नुस्खे
हम आपको ऐसे 7 टिप्स देने जा रहे हैं, जो आपको जाड़े की असल खुश महसूस करने में पूरी मदद करेंगे। इन 7 टिप्स के सहारे आप सर्दी खुशी-खुशी महसूस कर पाएंगी।
सर्दियों में कैसे रखें बच्चों का ख्याल
गर्मियों की तपिश के बाद ठंडी हवाओं के चलते ही मन राहत महसूस करने लगता है, मगर यही सर्द हवाएं अपने साथ रूखापन, खांसी और जुकाम जैसी सौगात लेकर आती हैं, जो बड़े बुजुर्गों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी परेशानी का सबब बन जाती हैं। अगर आप भी सर्दियों में अपने बच्चों को रखना चाहती हैं स्वस्थ, तो बरतें ये खास सावधानियां -
डायबिटीज के कारण यूटीआई का खतरा
यूं तो यूटीआई महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है, पर मधुमेह के कारण यूटीआई के संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
माहवारी में रखें स्वास्थ्य का ध्यान
पीरियड्स के दौरान हाइजीन रखना बहुत जरूरी है, जिससे किसी तरह का इंफेक्शन न हो सके। आज भी बहुत सी महिलाएं हैं, जो सैनेटरी पैड्स की जगह कपड़ा इस्तेमाल करती हैं। ऐसा करने से महिलाओं में कई तरह की बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सैनेटरी पैड्स के इस्तेमाल के लिए महिलाओं को जागरूक करना बहुत आवश्यक है।
वजन कम करने के लिए 5 प्रचलित आहार
आजकल लोग वजन कम करने के लिए कई तरह के तरीके अपनाते हैं, जिसमें एक निश्चित डाइट फॉलो करना सबसे अहम तरीका है। आइए जानते हैं विभिन्न तरह के डाइट के प्रकारों के बारे में -