टेक्नोलॉजी के साइड इफेक्ट्स
Sadhana Path|May 2024
कई ऐसी टेक्नोलॉजी हैं जिनके बारे में हम ये अच्छी तरह से जानते हैं कि यह हमारी सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं लेकिन फिर भी इस बात को नजरअंदाज करते हुए हम उसका इस्तेमाल किए जा रहे हैं जो कि जानलेवा भी साबित हो सकता है।
अर्चना चतुर्वेदी
टेक्नोलॉजी के साइड इफेक्ट्स

येहमारी खुशनसीबी है कि हम प्रगति के युग में जी रहे हैं। लेकिन आज के समय में टेक्नोलॉजी इंसानी जज्बातों पर हावी होती जा रही है। वैसे किसी भी चीज की अति बुरी ही होती है। उसी का परिणाम है कि इंसान मानवीय संवेदनाओं को अनदेखा कर रहा है। देखा जाए तो हमारी जिंदगी में खुद से ज्यादा टेक्नोलॉजी की दखलंदाजी बढ़ती जा रही है। जैसे कि मोबाइल, कम्प्यूटर, लैपटॉप, रूटीन गैजेट्स। जहां एक तरफ टेक्नोलॉजी हमें अपडेट कर रही है, हमारा काम आसान कर रही है वहीं दूसरी तरफ हमें ये अंदर ही अंदर खोखला भी करती जा रही है। आइए जानते हैं कैसे-

खतरनाक है मोबाइल का रेडिएशन

आज लगभग हर घर में मोबाइल इस्तेमाल किया जा रहा है। सुबह उठने से लेकर के रात सोने तक मोबाइल से दूर रहना लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल हो गया है। लेकिन क्या आपको पता है मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन हमारे लिए कितने खतरनाक हैं? अध्ययन बताते हैं कि मोबाइल रेडिएशन से लंबे समय के बाद प्रजनन क्षमता में कमी, कैंसर, ब्रेन ट्यूमर और गर्भपात की संभावनाएं काफी हद तक बढ़ जाती हैं। दरअसल, हमारे शरीर में 70 फीसदी पानी होता है। यह पानी धीरे-धीरे बॉडी में रेडिएशन को अब्जॉर्ब करता है आगे जाकर सेहत के लिए काफी नुकसानदेह होता है।

नींद पर असर

जब आप दिन-रात सिर्फ और सिर्फ टेक्नोलॉजी के आदी हो जाते हैं तब नींद न आना एक आम समस्या है। इसे डॉक्टरी भाषा में इंसोम्निया कहते हैं। देर रात तक टीवी देखना, लैपटॉप चलाना या फिर मोबाइल का इस्तेमाल भी आपकी नींद में बाधक बन सकता है। ये न तो आपकी सेहत के लिए अच्छा है और न ही आपके वैवाहिक जीवन के लिए।

रिश्तों में बढ़ रही दूरियां

This story is from the May 2024 edition of Sadhana Path.

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