आपका लाडला आपकी आंखों का तारा है। पर, क्या आप जानती हैं कि उसी तारे की चमकदार आंखों पर खतरा अब ज्यादा बढ़ने लगा है। धुंधली नजर, बेचैनी, सिरदर्द, खराब ध्यान अवधि, गुलाबी आंखों के मामले बच्चों में अब पहले की तुलना में ज्यादा आ रहे हैं। एम्स के एक अध्ययन के मुताबिक मायोपिया यानी निकट दृष्टिदोष के मामले दोगुने हो गए हैं। यानी 7 फीसदी से करीब 13 फीसदी। अकेले भारत में 5 से 15 वर्ष के बच्चों में से 17 प्रतिशत बच्चे निकट दृष्टिदोष से पीड़ित हैं, जिसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है ज्यादा स्क्रीन टाइम। इसके पीछे अनुवांशिक कारण भी हैं। कई अध्ययनों में यह भी देखा गया है कि आवश्यक प्राकृतिक रोशनी की कमी भी इस समस्या का कारण बन रही है। आंकड़े विचारणीय है। बच्चों में आंखों की समस्या के क्या-क्या हो सकते हैं लक्षण, आइए जानें:
सिर दर्द की शिकायत
सिर दर्द यूं तो किसी को भी हो सकता है। पर, अगर बच्चे को ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी आंखों पर दबाव डाला पड़ रहा है, तो इससे लंबे समय तक सिर दर्द रह सकता है। यह मुमकिन है कि सिर दर्द की यह समस्या बच्चे में चश्मे की जरूरत को बता रही हो।
पढ़ने के बाद थकान होना
अगर बच्चे को लगता है कि उसकी आंखों में जलन, खुजली या थकान हो रही है, तो यह आंखों की थकान है। एक बच्चे के लिए इन लक्षणों को नोटिस कर पाना मुश्किल हो सकता है। पर, अगर बच्चा पढ़ाई में पिछड़ रहा है या पढ़ने की गतिविधियों से बचने की कोशिश कर रहे हैं या फिर स्कूल से टीचर के माध्यम से आपको ऐसा कोई फीडबैक मिल रहा है, तो यह आंख की कमजोरी का लक्षण हो सकता है।
खेल में खराब प्रदर्शन
This story is from the August 20, 2022 edition of Anokhi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the August 20, 2022 edition of Anokhi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
लौंग दा लश्कारा
पिछले कुछ समय में नाक में पहने जाने वाले तरह-तरह के गहनों का चलन बढ़ा है। अगर आपको भी नाक में जेवर पहनने का शौक है, तो आपके पास विकल्पों की भरमार है। कैसे चुनें अपने लिए ये जेवर और क्या-क्या हैं आपके सामने विकल्प, बता रही हैं स्वाति गौड़
पल-पल क्यों बदलता है मूड?
मूड स्विंग और महिलाओं का ऐसा नाता है कि अधिकांश महिलाएं इसे बीमारी मानती ही नहीं। पर, यह एक ऐसी समस्या है, जो धीरे-धीरे हमारे जीवन पर गहरा असर डालने लगती है। क्या हैं मूड स्विंग के लक्षण और कैसे इससे उबरें, बता रही हैं शमीम खान
निवेश कीजिए सशक्त बनिए
महिलाएं कमाई करने में पीछे नहीं हैं। लेकिन जब बात निवेश की हो तो उनके कदम थोड़े लड़खड़ाने लगते हैं। हालांकि यह तस्वीर भी बदलती नजर आ रही है। इसमें आपकी भागीदारी इस बदलाव को गति दे सकती है। अपनी निवेश यात्रा की शुरुआत कैसे शुरू करें, बता रहे हैं वित्तीय सलाहकार पुनीत जैन
रिश्ते की गांठों को सुलझाने की कीजिए कोशिश
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार मनोविशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, डॉ. गगनदीप कौर
हर बार गोभी का नया स्वाद
ठंड यानी रसोई में गोभी की बहार। पर, इसका मतलब यह नहीं है कि आप हर दिन गोभी की एक जैसी सब्जी ही खाएं। गोभी से कौन-सी नई रेसिपी बनाएं, बता रही हैं अरुणा तिवारी
चलो लुटाएं पर्स पर प्यार
अपने पर्स या हैंड बैग के बिना आप घर से बाहर नहीं निकलतीं। पर, क्या पर्स की देखभाल पर थोडी-सी भी मेहनत करती हैं? कैसे करें पर्स की सही देखभाल ताकि वो दें सालों तक साथ, बता रही हैं शाश्वती
गाजर के गुण गाती रहेंगी आप
गाजर यों तो आंखों की सेहत का रखवाला माना जाता है। पर, इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व बालों के लिए भी रामबाण साबित हो सकते हैं। बालों की सेहत सुधारने के लिए गाजर का कैसे करें इस्तेमाल, बता रही हैं श्रुति
प्यार से बढ़ेगा सुरक्षा का भाव
माता-पिता बच्चों के लिए जो सबसे ज्यादा जरूरी काम कर सकते हैं, वह है उन्हें सुरक्षित महसूस कराना। सुरक्षा का भाव बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के साथ उन्हें जिंदगी जीने का सही तरीका सिखाने में मददगार होता है। कैसे अपने बच्चे को दें सुरक्षित बचपन, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
क्यों जरूरी है रानी रामपाल को जानना?
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
हर गहना कहेगा इक कहानी
शादी के लिए किसी एक भारी-भरकम जेवर पर ढेर सारा निवेश करने से बेहतर है, अलग-अलग स्टाइल के जेवरों को साथ पहनकर नया लुक तैयार करना। खास बात यह है कि जेवरों की लेयरिंग इन दिनों ट्रेंड में भी है। जेवरों की लेयरिंग करते वक्त किन बातों का रखें ध्यान, बता रही हैं