समाज इस बात को स्वीकार करे या ना करे, पर यह सच्चाई है कि महिलाओं पर जिम्मेदारियों का दोहरा बोझ होता है। घर, ऑफिस, बच्चे, परिवार और रसोई की जिम्मेदारियां अकसर एक-दूसरे से घालमेल होती नजर आती हैं। पर, जिम्मेदारियों का इतना बोझ उठाने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें अपने सारे वाजिब अधिकार भी मिल जाते हैं। कभी वह घर में तिरस्कार का शिकार हो जाती है, तो कभी ऑफिस में शोषण का। उसे कई बार सिर्फ औरत होने का खामियाजा भुगतना पड़ता है, तो कई बार अपने अधिकारों की जानकारी का अभाव उसे शोषण का शिकार रहने के लिए मजबूर कर देता है। यह समझना जरूरी है कि हम महिलाओं के ऊपर सिर्फ जिम्मेदारियों का बोझ ही नहीं है बल्कि हमारे पास अपनी हिफाजत के लिए कई अधिकार भी हैं। जैसे मातृत्व अवकाश का अधिकार, घर में रहने का अधिकार, ऑफिस में समान वेतन का अधिकार, अपनी बात रखने का अधिकार आदि। समय की जरूरत है कि हम महिलाएं ना सिर्फ अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें बल्कि उन्हें उठाने के लिए उचित कदम भी उठाएं।
मातृत्व से जुड़े अधिकार
क्या आप जानती हैं कि गर्भवती महिलाओं को संविधान द्वारा कुछ खास अधिकार प्राप्त हैं? संविधान के अनुच्छेद-42 के तहत कामकाजी महिलाओं को तमाम अधिकार हासिल हैं। इसमें महिला यदि किसी सरकारी और गैर सरकारी संस्था, फैक्ट्री में जिसकी स्थापना इम्प्लॉइज स्टेट इंश्योरेंस एक्ट, 1948 के तहत हुई हो में काम करती है, तो उसे मातृत्व से जुड़े तमाम लाभ मिलेंगे, जिसमें 12 सप्ताह से लेकर छह माह तक का मातृत्व अवकाश शामिल है। इस अवकाश को वह अपनी आवश्कता के अनुसार ले सकती है। गर्भपात की स्थिति में भी इस एक्ट का लाभ मिलता है। महिला गर्भावस्था या फिर गर्भपात के चलते बीमार हो जाती है, तो मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उसे अतिरिक्त एक महीने की छुट्टी मिल सकती है। महिला को मैटरनिटी लीव के दौरान किसी तरह के आरोप पर नौकरी से नहीं निकाला जा सकता। अगर उसे यह सुविधा नियोक्ता द्वारा नहीं दी जाती है, तो वह इसकी शिकायत कर सकती है। यहां तक कि वह कोर्ट भी जा सकती है।
मुफ्त कानूनी सलाह का अधिकार
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अच्छी आदतों से करें समस्या पर वार
डाइटिंग और व्यायाम वजन घटाने की आपकी मशक्कत में तो काम आएंगे ही, पर सुबह-सुबह की कुछ अच्छी आदतें भी इस कोशिश में काफी प्रभावी साबित हो सकती हैं। कौन-कौन सी हैं ये आदतें बता रही हैं
मेनोपॉज नहीं करेगा वजन से छेड़छाड़
महिलाओं के शरीर के कई बड़े परिवर्तन उनके पीरियड से जुड़े होते हैं। एक बड़ा बदलाव तब भी आता है, जब पीरियड बंद हो जाते हैं यानी मेनोपॉज शुरू हो जाता है । इस दौरान तेजी से वजन बढ़ना आम है, कैसे करें इसे नियंत्रित बता रही हैं स्वाति शर्मा
सोना साबित होगा सबसे खरा
भारत में महिलाएं आभूषणों में सजती भी हैं और सोने में उनकी बचत भी छिपी होती है। पर, इस तेजी से बदलते आर्थिक दौर में बचत के इस पारंपरिक तरीके में थोड़े से बदलाव की आवश्यकता है ताकि उनकी बचत और बढ़ सके, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
प्रोटीन से होगा चमत्कार
विभिन्न शोधों से यह बात साबित हो चुकी है कि प्रोटीन युक्त आहार वजन कम करने की कोशिशों में सबसे ज्यादा प्रभावी साबित होता है। अगर आप भी अपने वजन को काबू में लाने की कोशिश कर रही हैं तो इन प्रोटीन युक्त व्यंजनों को नियमित रूप से अपने आहार का हिस्सा बनाएं, रेसिपीज बता रही हैं विधि रस्तोगी
बढ़ा वजन खुशियों पर लगा सकता है ग्रहण
गर्भावस्था के दौरान मोटापा न सिर्फ गर्भवती महिला बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर भी दूरगामी प्रभाव डाल सकता है। क्यों जरूरी है गर्भधारण से पहले वजन को नियंत्रित करना, बता रही हैं शमीम खान
वजन ज्यादा है या हैं मोटापे की शिकार ?
वजन ज्यादा होना और मोटापे की शिकार होने में एक बारीक सा अंतर है। इस अंतर की समझ वजन घटाने की आपकी कोशिशों में प्रभावी साबित हो सकती है, बता रही हैं स्वाति गौड़
आपकी जिद से हारेगा मोटापा
विभिन्न अध्ययन बार-बार यह इशारा कर रहे हैं कि महिलाएं तेजी से मोटापे की जद में आ रही हैं । यह तथ्य हमें अपने आसपास भी नजर आ जाता है। महिलाएं मोटापे की क्यों हो रही हैं आसान शिकार और कैसे इस महामारी का करें सामना, बता रही हैं शाश्वती
पीरियड के दर्द पर क्यों नहीं होती हैं बातें?
हमारी टुनिया में हम से जुडी क्या खबरें हैं हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है किसने अपनी उपलब्धि थे हमारा लिए गर्वश्ञे ऊंचा उठा दिया? ऐशी तमाम जानकाश्यां हर रप्ताह आपसे यहां थाझा करेंगी, जयंती एंगनाथन
सर्दी का फैशनेबल साथी
सर्दी के फैशन की बातें टर्टलनेक स्वेटर के बिना अधूरी हैं। यह न सिर्फ ठंड से बचाता है बल्कि फैशनेबल भी दिखाता है। कैसे करें इस स्वेटर की स्टाइलिंग ताकि हर मौके पर आप दिखें शानदार, बता रही हैं भावना सिंघल
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