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अंधविश्वासों के प्रति जागरूकता या प्रचार
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अंधविश्वासों के प्रति जागरूकता या प्रचार

पहले इस फिल्म का टाइटल 'लक्ष्मी बौंब' रखा गया था, परंतु सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग होने और हिंदूवादी संगठनों की धमकियों के कारण इस का टाइटल बदल कर 'लक्ष्मी' कर दिया गया.

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November Second 2020
"हम उत्तरपूर्वी राज्यों के सिनेमा के लिए कुछ नहीं कर रहे" सुधांशु सरिया
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"हम उत्तरपूर्वी राज्यों के सिनेमा के लिए कुछ नहीं कर रहे" सुधांशु सरिया

सुधांशु सरिया भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के ऐसे डायरैक्टर हैं जिन्हें 2016 में अपनी पहली फिल्म 'लव' से अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर खूब ख्याति प्राप्त हुई. इस उपलब्धि से वे व्यावसायिक सिनेमा की तरफ नहीं झुके, बल्कि उन्होंने अपनी यूएसपी में चुनौतीपूर्ण विषयों को बनाए रखा.

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November First 2020
जेब खाली कैसे मने दीवाली
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जेब खाली कैसे मने दीवाली

कोरोना वायरस के भय ने लोगों के हर्षोल्लास, जोश व उत्साह को बुरी तरह प्रभावित किया है. एक तरफ संक्रमण का डर है, अपनों की मौते हैं और दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था रसातल में जा रही है, व्यवसाय डूब चुके हैं, लोगों के पास नौकरियां नहीं हैं, जेबें खाली हैं. त्योहार सिर पर हैं मगर कोई भी फालतू का एक रुपया भी खर्च करने के मूड में नहीं है.

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November First 2020
376 डी उठाती है कुछ बड़े सवाल
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376 डी उठाती है कुछ बड़े सवाल

जोरजबरदस्ती यानी किसी की इच्छा के विरुद्ध उस पर हावी होना, उस से शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करना और यह जोरजबरदस्ती स्त्री हो या पुरुष दोनों में से किसी के भी साथ की जाए तो गुनाह है और अपराधी सजा का हकदार है. 376 डी में इसी की स्पष्ट व्याख्या दे कर कुछ सवालों को उठाया गया है.

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November First 2020
झूठी एफआईआर और खत्म होती जिंदगिया
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झूठी एफआईआर और खत्म होती जिंदगिया

देशभर के पुलिस स्टेशन झूठे मुकदमों की फाइलों से पटे पड़े हैं. ऐसे मामलों में फंसे लोग सालोंसाल जेल की सलाखों में कैद रहते हैं क्योंकि उन के मुकदमे सुनवाई की स्टेज तक पहुंचने में लंबा वक्त लेते हैं. कभीकभी तो अदालत में केस पहुंचने से पहले ही पुलिस द्वारा गिरफ्तार व्यक्ति का मीडिया ट्रायल हो जाता है. ऐसे में उस निर्दोष व्यक्ति के लिए अदालत में अपनी बेगुनाही साबित करना और भी ज्यादा कठिन हो जाता है.

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November First 2020
धर्म व बाजार के तानेबाने में महिला श्रम की क्या इज्जत
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धर्म व बाजार के तानेबाने में महिला श्रम की क्या इज्जत

आज आधुनिक बाजार भी पुरुषवादी सोच को सिर्फ मदद तक ही सीमित कर रहे हैं. जैसे, टीवी प्रचार में अधिकतम ग्रौसरी सामानों को महिलाओं से ही लिंक किया जाता है जिस में महिलाएं जिम्मेदार की भूमिका में होती हैं और पुरुष उन के मददगार.

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November First 2020
महंगी शिक्षा सस्ते ग्रेजुएट
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महंगी शिक्षा सस्ते ग्रेजुएट

कंपनियां मौजूदा कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं, तो नए ग्रेजुएट्स को नौकरी पर रखने की बात कौन करे? हालत यह है कि ग्रेजुएट डिग्री लिए बाजार में खड़े हैं, लेकिन कोई भी कंपनी इस समय इन्हें रखने का रिस्क नहीं ले रही.

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November First 2020
फेफड़े खराब कर रहा कोरोना
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फेफड़े खराब कर रहा कोरोना

कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले मरीजों को दवाएं व एंटीबायोटिक्स न दी जाएं तो आगे चल कर वे पल्मोनरी फाइब्रोसिस जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार हो सकते हैं क्योंकि यह फेफड़ों को बड़ी तेजी से डैमेज करता है.

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November First 2020
सुस्त और कमजोर काया
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सुस्त और कमजोर काया

अधिक मोटापे की तरह अधिक दुबलापन भी परेशानी का सबब हो सकता है. कमजोरी से शरीर की स्वाभाविक कार्यप्रणाली ठीक से क्रियाशील नहीं हो पाती, जिस के चलते दुबले इंसान को कई बीमारियों से ग्रस्त होने का भय बना रहता है.

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November First 2020
हक मांगने में परहेज कैसा? .
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हक मांगने में परहेज कैसा? .

संपत्ति पर अधिकार हमेशा पुरुषों का रहा है. पौराणिक व्यवस्था में महिला को संपत्ति रखने का अधिकार भी नहीं. सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से पिता की संपत्ति पर बेटी का वैधानिक बराबर का हक बन तो गया है किंतु क्या विरासत की संपत्ति पर मात्र पुरुष हक वाली सामाजिक सोच पर यह कानून लागू हो पाएगा?

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November First 2020
हाथरस गैंगरेप लुटतीमरती लड़कियां
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हाथरस गैंगरेप लुटतीमरती लड़कियां

हाथरस में दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म और फिर उस की हत्या करना आधुनिक इतिहास का वह काला पन्ना है जिसे बीते 6 सालों से लगातार छिपाने की कोशिश की जाती रही. उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मामले को रफादफा किए जाने की कोशिश समाज में व्याप्त बीमारू धर्मप्रणाली और जहरीली मानसिकता का जीताजागता उदाहरण है.

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October Second 2020
नवाज ने रंग दिया फिल्म 'सीरियस मैन' को
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नवाज ने रंग दिया फिल्म 'सीरियस मैन' को

काले अतीत से लड़ते और अगली पीढ़ी के सम्मान की खातिर सबकुछ करगुजरने को तैयार अय्यन मणि यानी नवाजुद्दीन सिद्दीकी जाति, वर्ग और दलित राजनीति जैसे कई विषयों पर एकसाथ व्यंग्य करते सीरियस मैन का लबादा ओढ़े रहे जो फिल्म की खास बात है.

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October Second 2020
ड्रग्स के चक्रव्यूह में दीपिका पादुकोण
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ड्रग्स के चक्रव्यूह में दीपिका पादुकोण

फिल्म इंडस्ट्री में कलाकार और विवाद मानो एक सिक्के के दो पहलू हैं. इन दिनों आम लोगों से ले कर सोशल मीडिया और सरकारी तंत्र तक बौलीवुड सितारों को खासा आड़ेहाथों लेते नजर आ रहे हैं. चर्चित अभिनेत्री दीपिका पादुकोण भी इन सब की रडार पर हैं.

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October Second 2020
क्यों है पुरुषों को हार्ट अटैक का अधिक जोखिम
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क्यों है पुरुषों को हार्ट अटैक का अधिक जोखिम

तेज रफतार जिंदगी, बदलती जीवनशैली व गलत खानपान ने इंसान के हार्ट को खासा नुकसान पहुंचाया है. भारत में हार्ट संबंधी समस्या पश्चिमी देशों की तुलना में अधिक बढ़ने लगी है. युवाओं में भी अब हार्टअटैक कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है.

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October Second 2020
जायदाद की खरीदारी का बेहतर वक्त
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जायदाद की खरीदारी का बेहतर वक्त

चरमराई अर्थव्यवस्था के बाद कोरोना के कहर ने भी रियल एस्टेट कारोबार को औंधेमुंह गिरा दिया है जिस से प्रोपर्टी अब सस्ती हो गई है. खरीदने वालों के लिए मकान खरीदने का यह अच्छा समय है.

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October Second 2020
अब तुम पहले जैसे नहीं रहे
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अब तुम पहले जैसे नहीं रहे

कोई भी रिलेशनशिप आसानी से नहीं टूटती है. रिश्तों में धीरेधीरे दूरियां बढ़नी शुरू होती हैं और इस को अनदेखा किया तो एक समय ऐसा आता है जब दूरियां इस कदर बढ़ जाती हैं कि संबंध बेमानी हो जाते हैं.

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October Second 2020
रीतिरिवाजों में छिपी पितृसत्तात्मक सोच
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रीतिरिवाजों में छिपी पितृसत्तात्मक सोच

हमारे समाज में ऐसी बहुत सी परंपराएं, रीतिरिवाज और संस्कार प्रचलन में हैं जिन का पालन सिर्फ महिलाओं को करना होता है और जो उन के कमतर दिखने की वजहें हैं.

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October Second 2020
कोरोना और अर्थव्यवस्था पर घिरते मोदी और ट्रंप
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कोरोना और अर्थव्यवस्था पर घिरते मोदी और ट्रंप

एक तरफ 'विकास' और 'अच्छे दिन' का वादा कर के नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने, तो दूसरी तरफ 'अमेरिकन फर्स्ट और 'ग्रेट अमेरिका अगेन' कह कर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने. सत्ता में पहुंचने के बाद दोनों की कथनी और करनी में जमीनआसमान का अंतर दिखा. एकदूसरे को दोस्त बताने वाले दोनों नेता न सिर्फ कोरोना को संभालने में नाकामयाब रहे, बल्कि दोनों के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था भी चौपट हो गई.

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October Second 2020
काले कृषि कानून किसानों के लिए मोक्ष के द्वार
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काले कृषि कानून किसानों के लिए मोक्ष के द्वार

एक समय था जब काशी बनारस में पंडेपुजारियों की एक कोरियर सर्विस सीधे स्वर्ग से चलती थी, जिस में धर्मांध लोगों को सशरीर स्वर्ग भेजा जाता था. इतिहास के पन्नों में दर्ज जानकारी के अनुसार, काशी के पंडे भारी रकम ले कर बेवकूफ लोगों को पकड़ उन्हें बुर्ज पर चढ़ा देते थे. वहां कुछ मंत्र पढ़ कर यह कह कर उन्हें नीचे कुदा देते थे कि यहां मरने वाले सीधे स्वर्ग जाते हैं.

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October Second 2020
कई रोगों से बचाता है विटामिन सी
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कई रोगों से बचाता है विटामिन सी

शरीर के स्वास्थ्य के सही संतुलन के लिए विटामिन्स की जरूरत होती है. अगर बात विटामिन सी की हो तो यह अन्य सभी विटामिन्स की तुलना में अधिक गुणकारी है, जो न सिर्फ शरीर में रोगमारू क्षमता बढ़ाता है बल्कि सौंदर्य को भी निखारता है.

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October First 2020
21वीं सदी में भी मर्द मालिक औरत गुलाम
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21वीं सदी में भी मर्द मालिक औरत गुलाम

पितृसत्ता सिर्फ जोरजबरन वाली व्यवस्था नहीं रही है जिसे मात्र पुरुषों के बीच जनजागृति कर सुलझा लिया जाए, बल्कि इस का ठोस आधार सदियों से मजबूत रहा है जिस में महिलाओं के पैरों में भी सहमति की जंजीरें बंधती रही हैं.

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October First 2020
करवाचौथ एकाकी महिला के लिए गाली
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करवाचौथ एकाकी महिला के लिए गाली

समाज में अकेली, निर्बल नारी को और ज्यादा अकेला व भयभीत करने के लिए करवाचौथ का सामूहिक प्रदर्शन धर्म के ठेकेदारों द्वारा आयोजित करवाया जाता है. करवाचौथ जैसा व्रत महिलाओं की एक मजबूरी के साथ उन को अंधविश्वास के घेरे में रखे हुए है जो पुरुषसत्ता को और भी मजबूत करता है. ऐसे में महिलाओं का करवाचौथ मनाना कितना उचित है, जानें.

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October First 2020
"मासिकधर्म से जुड़ी सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ने के लिए बनाई फिल्म" असिस सेठी
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"मासिकधर्म से जुड़ी सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ने के लिए बनाई फिल्म" असिस सेठी

असिस सेठी की शौर्ट फिल्म 'ए ब्लडी मेस' को दुनियाभर में कई पुरस्कारों से नवाजा गया है. भारतीय मूल की कनाडाई निर्देशिका असिस ने न सिर्फ अवार्ड जीते बल्कि समाज में भारतीय महिलाओं की समस्याओं को सामने रखने की एक ईमानदार कोशिश की है.

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October First 2020
दूसरों के सामने पत्नी का मजाक न उड़ाएं
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दूसरों के सामने पत्नी का मजाक न उड़ाएं

ज्यादातर पति जब अपनी पत्नियों का दूसरों के सामने मजाक उड़ाते तो इस के पीछे उन का दिल दुखाने की कोई मंशा नहीं होती है, बल्कि ऐसा वे सिर्फ हंसी में करते हैं. लेकिन धीरेधीरे यही मजाक उन र्क आदत बन जाता है और पत्नी को दंश देना शुरू कर देता है.

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October First 2020
कोरोनाकाल में सुरक्षित नहीं थिएटर में फिल्म देखना
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कोरोनाकाल में सुरक्षित नहीं थिएटर में फिल्म देखना

अक्तूबर माह में सिनेमाहौल खुलने के आसार बन रहे हैं. इस से सिनेप्रेमियों और थिएटर में काम करने वालों में खुशी पसरी हुई है, लेकिन यह खुशी तमाम खतरों से भरी हुई है. कोरोना दौर में मनोरंजन के साथसाथ अगर सावधानियों व सुरक्षा का ध्यान न रखा गया तो खुशियों को ग्रहण लगते देर न लगेगी.

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October First 2020
यूपी में रामराज नहीं अपराध राज
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यूपी में रामराज नहीं अपराध राज

अपराध और अपराध की गिरफ्त में जकड़ता उत्तर प्रदेश. यह प्रदेश पहले से अधिक खतरनाक और हिंसक हो चला है. भगवा कपड़े पहना संत, नेता बन सत्ता में आया और अपराधमुक्त राज्य बनाने का दावा किया, लेकिन यह खोखला दावा आसमानी हो गया है और जमीन अपराध से लाल.

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October First 2020
बलात्कार कानून बदलाव की जरुरत
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बलात्कार कानून बदलाव की जरुरत

बलात्कार निसंदेह महिलाओं के प्रति एक घृणित अपराध है लेकिन आजकल ऐसे बलात्कारों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जिन में सहमति से संबंध बनते हैं और अदालतें बिना वास्तविकता पर विचार किए आरोपी को जेल भेज देती हैं. यह कैसी ज्यादती है, इस पर पढ़िए यह खास रिपोर्ट.

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October First 2020
युवा बेहाल मांगे रोजगार
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युवा बेहाल मांगे रोजगार

पिछले 4 महीनों में 50 लाख वेतनभोगी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है. बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ कर 1.89 करोड़ पहुंच गया है. सीएमआईई द्वारा जारी बेरोजगारी का ताजा आंकड़ा भारत की इकोनौमी की रिकवरी पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है.

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October First 2020
हार्डवर्किंग के बावजूद पुरुषों से पीछे महिलाएं
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हार्डवर्किंग के बावजूद पुरुषों से पीछे महिलाएं

सिर्फ यही नहीं कि पुरुषों के साथ महिलाएं कंधे से कंधा मिला कर आगे बढ़ रही हैं बल्कि वे पुरुषों से ज्यादा मेहनत करने वाली भी साबित हुई हैं, लेकिन फिर भी उच्च पदों पर उन की संख्या कम है. ऐसा क्यों ?

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October First 2020
न्याय के तराजू में धर्म का बाट क्यों
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न्याय के तराजू में धर्म का बाट क्यों

न्याय की मूर्ति की आंखों पर पट्टी बांध रखी है, सो, हाथ का देसी तराजू ही संतुलित होता है. पर अगर न्यायाधीश खुली आंखों से देख कर तराजू के पलड़ों में धर्म के बाट डाल कर फैसले करने लगे, तो समाज का सुधार कैसे होगा?

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September Second 2020