45 है उन भाजपा सांसदों की संख्या जो सियासी परिवार से आते हैं और 2019 में जीते पार्टी के 303 सांसदों में शामिल हैं. वे पार्टी के कुल सांसदों का 15 फीसद हैं
15 मंत्री मोदी की कैबिनेट में ऐसे हैं जो सीधे-सीधे सियासी खानदान से ताल्लुक रखते हैं
2 मुख्यमंत्री (और एक उप-मुख्यमंत्री ) ऐसे हैं भाजपा के, जो सियासी परिवार से हैं
यह भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़े विरोधाभासों में से एक है और जिसे व्यापक रूप से स्वीकार्यता मिल चुकी है. एक ताकतवर अभिजात वर्ग जिसके पास सबसे अच्छा कौशल है, उसका राजनीति पर कब्जा रहता है, ठीक वैसे ही जैसे प्रकृति की कोई भी ताकतवर प्रजाति अपनी वंशवृद्धि करती जाती है. आम बोलचाल में हम इसे वंशवादी राजनीति कहते हैं. इसके कई कवेलर देखने को मिल जाते हैं. पहले तो 1947 से पहले के देश के राजघराने हैं. उसके बाद राजनीति के नवश्रीमंत भी हैं, जिनका आचरण भी उन शाही परिवारों से कुछ अलग नहीं है. इसलिए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन के दौरान कहा कि वे विशेष रूप से देश के सामने दिख रही दो प्रमुख चुनौतियों - परिवारवाद और भ्रष्टाचार से दुखी हैं - तो वे व्यापक रूप से इस मुद्दे को लेकर जनता के रोष को भुनाने का प्रयास कर रहे थे.
This story is from the November 09, 2022 edition of India Today Hindi.
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सबसे अहम शांति
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स्वस्थ और सेहतमंद मुल्क के लिए एक रोडमैप
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स्थानीयकरण से नवाचार तक... चार्जिंग की दुश्वारियां दूर करना, बैटरी तकनीक बेहतर करना और बिक्री के बाद की सेवाएं बेहतर करना ही इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति को मजबूत करने का मूल मंत्र है
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टकराव की नई राहें
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महिलाओं को मुहैया कराएं काम के लिए उचित माहौल
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