अपने करियर की बुलंदी पर, एसबीएफ कहे जाने वाले सैम बैंकमैन - फ्राइड की संपत्ति 26 अरब डॉलर ( 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ) थी. अपने बालों की खास शैली और अस्त-व्यस्त से दिखने वाले 30 वर्षीय इस अमेरिकी उद्यमी ने क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में काफी नाम और धन कमा लिया था. यह उद्यमी दुनिया में अमीर बनने के नए तरीके तलाशने वालों का चैंपियन बन गया. उसने सरकार की प्रमुख हस्तियों के लिए लॉबीइंग की, उन्हें चंदा दिया और क्रिप्टो प्रोजेक्ट को नाकाम होने से बचाया. बहुत कुछ परोपकारी कार्यों में भी खर्च किया. सो, कामयाबी की यह दास्तान ऐसी कतई नहीं लगती कि बीच रास्ते में कहीं गुम हो जाए, लेकिन ऐसा हुआ. 11 नवंबर को बहामा स्थित उनकी फर्म एफटीएक्स ने दिवालियापन संरक्षण की अर्जी दायर कर दी. तकरीबन दस लाख निवेशकों वाले दुनिया के इस तीसरे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के दिवालिया होने की खबर के बाद तो दुनिया भर के एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें धड़ाधड़ गिरने लगीं. कुल क्रिप्टो बाजार पूंजीकरण या लेनदेन से जुड़ी क्रिप्टो करेंसी का कुल मूल्य 6 नवंबर को 10 खरब डॉलर (लगभग 82 लाख करोड़ रुपए) से गिरकर 21 नवंबर को 803.6 अरब डॉलर (लगभग 66 लाख करोड़ रुपए) हो गया. यह पिछले साल नवंबर में बाजार की बुलंदी के दिनों में 30 खरब डॉलर (लगभग 245 लाख करोड़ रुपए) के अपने बाजार मूल्यांकन से काफी कम था. एफटीएक्स के पतन के बाद, बैंकमैनफ्राइड की संपत्ति लगभग 1 अरब डॉलर (करीब 8, 100 करोड़ रुपए ) तक सिकुड़ गई. उन्हें कई मुकदमों का सामना करना पड़ा और कंपनी के सीईओ का पद भी छोडना पड़ा.
एफटीएक्स का पतन हाल के दिनों में क्रिप्टो कारोबार में अब तक आए झटकों की कड़ी में सबसे जबरदस्त है. इसके चलते उस क्षेत्र में हंगामा बरप गया है जिसमें पहले ही पर्याप्त नियम-कायदे नहीं हैं. यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया में मंदी की आशंका से क्रिप्टो वैल्यूएशन में गिरावट पहले ही आ चुकी थी, और अब इस हादसे ने तो क्रिप्टो कारोबार के भविष्य पर ही सवालिया निशान लगा दिया है.
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