त्योहारों का समय है. अहमदाबाद के शांतिग्राम में कांच की दीवारों से घिरे अदाणी औद्योगिक साम्राज्य के मुख्यालय के प्रांगण को शंकु की शक्ल में कतार से रखे कार्डबोर्ड के सफेद डिब्बों से सजाया गया है, इस तरह कि वह आसमान छूते विशाल पिरामिड की तरह दिखता है. इस स्थापत्य को 'कंवर्जेंस' या मिलन नाम दिया गया और इसका मकसद अदाणी की भविष्य की एकजुट दूरदृष्टि दिखाना
अदाणी ग्रुप और उसके संस्थापक-चेयरमैन गौतम अदाणी की दूरदृष्टि 2022 में पूरी तरह निखरकर आई, जिसमें जश्न मनाने के लिए बहुत कुछ था. धमाकेदार रफ्तार से विस्तार करते हुए समूह का बाजार पूंजीकरण महज तीन साल में नौ गुना बढ़कर 23 दिसंबर को 17.9 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया. इसके बूते वह भारत की दूसरी सबसे मूल्यवान फर्म बन गई, जो बस टाटा ग्रुप से पीछे है पर रिलायंस इंडस्ट्री से आगे है. कुल 125.8 अरब डॉलर (फोर्ब्स की सूची के अनुसार, 28 दिसंबर को) से ज्यादा शुद्ध संपत्ति के साथ अदाणी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स बनने के अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ते हुए भारत और एशिया के सबसे अमीर शख्स बन गए. बड़े दांव लगाना अदाणी की फितरत में है और इसी का प्रदर्शन करते हुए सितंबर में उन्होंने 10.5 अरब डॉलर (87,000 करोड़ रुपए) में एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स में स्विस फर्म होल्सिम की हिस्सेदारी खरीद ली, जो बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में सबसे बड़ा एकल अधिग्रहण था. इसी के साथ उनका समूह, उद्योग की अगुआ आदित्य बिड़ला ग्रुप की अल्ट्राटेक के बाद, देश का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट मैन्युफैक्चरर बन गया. इस साल अदाणी ने कई अलग-अलग क्षेत्रों में भी अधिग्रहण किए, जिनमें दो चावल ब्रांड, सबसे बड़ी समुद्री सेवा कंपनी, एक ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट और मीडिया कंपनी एनडीटीवी शामिल हैं. यह सब ऐसे समय और इसके बावजूद किया गया कि जब दुनिया भर के कारोबारों में विघ्न पैदा करते हुए कोविड की महामारी अब भी अपने पैर पसारे है और यूक्रेन में युद्ध लंबा खिंच रहा है.
This story is from the January 11, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the January 11, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
शोख सनसनी दिल्ली की
आर्ट क्यूरेटर, परोपकारी और सोशल मीडिया सनसनी शालिनी पासी नेटफ्लिक्स की सीरीज फैबुलस लाइव्ज वर्सज बॉलीवुड वाइव्ज में शिरकत करने के बाद मिली शोहरत का मजा ले रहीं
पाइ पटेल की भारत यात्रा
यान मार्टेल के चर्चित उपन्यास लाइफ ऑफ पाइ पर फिल्म भी बनी. और अब यह पुरस्कार विजेता नाटक
कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की
धूमीमल गैलरी में चल रही प्रदर्शनी ज्वॉइनिंग द डॉट्स दिल्ली के सांस्कृतिक दिल कनॉट प्लेस के चिरस्थायी आकर्षण को एक तरह की आदरांजलि
हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी
फिल्मकार पायल कपाडिया इन दिनों एक अलग ही रंगत में हैं. वजह है उनकी फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट और उन्हें मिल रही विश्व प्रसिद्धि. उनका सफर एक बड़े सिनेमाई मुकाम पर जा पहुंचा है. अब यहां से इस जुनूनी आर्टिस्ट का करियर एक नई उड़ान लेने को तैयार
रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते
पिछले महीने 86 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुए रतन टाटा. भारत की सबसे पुरानी विशाल कंपनी के चेहरे रतन को हम में से ज्यादातर लोगों ने जब भी याद किया, वे एक सुविख्यात सार्वजनिक शख्सियत और दूसरी ओर एक रहस्यमय पहेली के रूप में नजर आए.
विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश
अर्थव्यवस्था मजबूत नजर आ रही है, मगर विदेशी निवेशक भारत पर अपना बड़ा और दीर्घकालिक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं
अब शासन का माझी मंत्र
मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में 'जनता प्रथम' के सिद्धांत वाली शासन प्रणाली स्थापित कर रही. उसने नवीन पटनायक के दौर वाले कथित नौकरशाही दबदबे को समाप्त किया. आसान पहुंच, ओडिया अस्मिता और केंद्रीय मदद के बूते बड़े पैमाने पर शुरू विकास के काम इसमें उसके औजार बन रहे
होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग
अमूमन दूसरे देशों के ठिकानों से साइबर अपराधी नेटवर्क अब टेक्नोलॉजी और फंसाने के मनोवैज्ञानिक तरीकों से जाल बिछाकर और फर्जी पुलिस और प्रवर्तन अफसरों का वेश धरकर सीधे सरल लोगों की जीवन भर की जमा-पूंजी उड़ा ले जा रहे
कुछ न कर पाने की कसक
कंग्रेस ने 16 दिसंबर, 2023 को जितेंद्र 'जीतू' पटवारी को मध्य प्रदेश का अपना नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था.
पुलिस तक पर्याप्त नहीं
गुजरात के तटीय इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी और शहरी इलाकों में लगातार बढ़ती प्रवासी आबादी की वजह से राज्य पुलिस पर दबाव खासा बढ़ गया है. ऐसे में उसे अधिक क्षमता की दरकार है. मगर बल में खासकर सीनियर अफसरों की भारी कमी है. इसका असर उसके मनोबल पर पड़ रहा है.