पहले के दो साल की तरह 2022 का वर्ष भी तकलीफदेह और हताशाजनक साबित हुआ. टीके लगने में बढ़ोतरी और पिछले संक्रमणों से उत्पन्न और बढ़ती रोग प्रतिरोधक क्षमता की बदौलत कोविड से जुड़ी मौतों के स्तर में दुनिया भर में हालांकि गिरावट आई, पर दुनिया महामारी के जिद्दी शिकंजे में जकड़ी रही, जिसने अलग-अलग तीव्रता की आर्थिक उखाड़ - पछाड़ को जन्म दिया. जवाब में ज्यादातर देश उदार राजकोषीय और मौद्रिक नीतियां अपनाने को मजबूर हुए, जिनसे चीजें और पेचीदा हो गईं. नागरिकों को तीव्र आर्थिक तकलीफ से बचाना तो खैर जरूरी ही है, लेकिन उन्होंने बहुत कम वस्तुओं के पीछे भागते बहुत ज्यादा धन से उत्पन्न बेहताशा बढ़ती महंगाई की शक्ल में ऐसा झटका दिया जिसका अनुमान भले लगाया जा सकता हो पर अनिवार्य रूप से मुश्किल पैदा करने वाला था.
अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था अभी इन मुसीबतों से जूझ ही रही थी कि बदकिस्मती से उस पर एक और जबरदस्त प्रहार हुआ और इस बार पूरी तरह निर्लज्ज राजनैतिक दुष्टता की वजह से व्लादिमीर पुतिन के रूस ने पड़ोसी यूक्रेन के खिलाफ पूर्वनियोजित सैन्य युद्ध छेड़ दिया. पुतिन ने जो चढ़ाई की, उसका मकसद यूक्रेन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में निर्णायक ढंग से खत्म करके एक बार फिर नए सिरे से संयोजित रूसी साम्राज्य में मिलाना था.
इसमें तो कोई संदेह ही नहीं था कि यह युद्धपिपासु आक्रामकता संयुक्त राष्ट्र चार्टर का स्तब्धकारी उल्लंघन और हाल के सालों की अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए भीषणतम खतरा थी. मगर इस गैरजरूरी जंग के नतीजे यूक्रेन और रूस के लिए पैदा दुश्वारियों से भी आगे जाते हैं: इसने पूरी अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को चपेट में ले लिया और तेल-गैस की कीमतों में उछाल और खाद्य आपूर्तियों में व्यवधान पैदा कर दिया, जबकि कोविड संकट से उत्पन्न महंगाई की मुश्किलों को और बढ़ा दिया. इसे थामने की अनिवार्यता ने दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों को ब्याज दरों में तीव्र बढ़ोतरी के लिए उकसाया, जिसने कई देशों में मंदी नहीं भी तो जबरिया आर्थिक सुस्ती का खतरा पैदा कर दिया.
This story is from the January 25, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the January 25, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.