यहां आप एक हाइ नेट व के साथ 'स्पीड डेटिंग' के लिए आते हैं. आपको यहां 'पूंजीवादी दमनकारी' और 'कम्युनिस्ट षड्यंत्रकारी' समान भाव से मिलते हैं. आप यहां आकर पाते हैं कि एक फीसद - या 0.1% - लोग दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने का वादा कर रहे हैं... स्विट्जरलैंड के इस खूबसूरत शहर के वार्षिक शिखर सम्मेलन को बरसों से कई तरह से बयान किया जाता रहा है.
मेरी राय में यह 'विचारों की मदमस्त करने वाली पार्टी' होती है. यह ऐसी जगह है जहां वर्ग, मुद्दे, उम्र, हायरआर्की, यहां तक कि इस बात की भी परवाह किए बिना विचार रखे जाते हैं कि वे व्यावहारिक हैं या नहीं. पेश हैं 12 ऐसे विचार जो इस साल दावोस की अपनी यात्रा के दौरान मुझे आकर्षक लगे.
1 लॉटरी के जरिए सरकार
दुनियाभर में चुनाव वाली सियासी व्यवस्थाएं नाकाम होती लग रही हैं, ऐसे में लॉटरी के जरिए सरकार चुनने का विचार अब आकर्षक लगने लगा है. चुनी हुई सरकारें संस्थाओं को खोखला करके लोकतंत्र की आतंरिक परत को कमजोर कर सकती हैं. लॉटरी के जरिए एक तय समय के लिए चुनी हुई सरकार कोई कुलीन और झगड़ालू माहौल बनाए बिना कारगर सरकारें बनाने का तरीका हो सकता है. तय कार्यकाल की वजह से ऐसी सरकारें खुद को बचाए रखने के मुकाबले शासन पर ज्यादा ध्यान देंगी.
2 नया मौलिक अधिकारः मस्तिष्क की निजता का अधिकार
This story is from the February 08, 2023 edition of India Today Hindi.
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शब्द हैं तो सब है
शब्द और साहित्य की जादुई दुनिया का जश्न मनाते लेखक-राजनेता शशि थरूर अपने निबंधों की किताब के साथ हाजिर
अब बड़ी भूमिका के लिए बेताब
दूरदराज की मंचीय प्रतिभाओं को निखारने का बड़ा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा एमपीएसडी. नई सोच वाले निदेशक के साथ अब वह एक नई राह पर. लेकिन क्या वह एनएसडी जैसा मुकाम बना पाएगा?
डिजिटल डकैतों पर सख्त कार्रवाई
नया-नवेला जिला डीग तेजी से देश में ऑनलाइन ठगी का केंद्र बनता जा रहा था. राज्य सरकार और पुलिस की निरंतर कार्रवाई की वजह से राजस्थान के इस नए जिले में पिछले छह महीने के दौरान साइबर अपराध की गतिविधियों में आई काफी कमी
सनसनीखेज सफलता
पल में मजाकिया, पल में खौफनाक. हिंदी सिनेमा में हॉरर कॉमेडी फिल्मों का आया नया जमाना. चौंकने-डरने को बेताब दर्शकों के कंधों पर सवार होकर भूतों ने धूमधाम से की बॉक्स ऑफिस पर वापसी
ममता के लिए मुश्किल घड़ी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार खिन्न और प्रदर्शन करते राज्य के लोगों का भरोसा के लिए अंधाधुंध कदम उठा रही है
ठोकने की यह कैसी नीति
सुल्तानपुर में जेवर की दुकान में डकैती के आरोपी मंगेश यादव को मुठभेड़ में मार डालने के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर योगी सरकार. फर्जी मुठभेड़ एक बार फिर बनी मुद्दा
अग्निपरीक्षा की तेज आंच
अदाणी जांच में हितों के टकराव के आरोपों में घिरीं और अपने ही स्टाफ में उभरते विद्रोह से सेबी की मुखिया से ढेरों जवाब और खुलासों की दरकार
अराजकता के गर्त में वापसी
केंद्र और राज्य के निकम्मेपन से मणिपुर में नए सिरे से उठीं लपटें, अबकी बार नफरत की दरारें और गहरी तथा चौड़ी लगने लगीं, अमन बहाली की संभावनाएं असंभव-सी दिखने लगीं
अब आई मगरमच्छों की बारी
राजस्थान में 29 जुलाई, 2024 की दोपहर विधानसभा में राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) परीक्षा में पेपर लीक को लेकर सियासत गरमाई हुई थी. प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने पेपर लीक के मामलों को लेकर भजनलाल शर्मा सरकार पर यह आरोप जड़ दिया कि अभी तक सरकार ने छोटी-छोटी मछलियां पकड़ी हैं, मगरमच्छ तो अभी भी खुले घूम रहे हैं. इस हमले का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, \"आप बेफिक्र रहिए जल्द ही हम उन मगरमच्छों को भी पकड़ेंगे जो बाहर घूम रहे हैं.\"
नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"