अमिताभ शाह, संस्थापक, युवा अनस्टॉपेबल अहमदाबाद
दो हजार चार की गर्मियों में 22 वर्षीय अमिताभ शाह अमेरिका की निजी यात्रा के बाद न्यूयॉर्क की एक फ्लाइट से अहमदाबाद लौट रहे थे. उन्हें अपना भविष्य एकदम उज्ज्वल नजर आ रहा था क्योंकि येल में पहले ही प्रवेश मिल चुका था. करीब 18 घंटे की उड़ान के दौरान उन्होंने शाहरुख खान की फिल्म स्वदेस देखी तो शाह को बचपन में उन्हें गोद में खिलाने वाली दाई कमलाबेन याद आ गईं, जो उनका हर नखरा प्यार से झेलती थीं. शाह ने हवाईअड्डे पर उन्हें लेने आई मां से कहा कि कमलाबेन से मिलने की इच्छा हो रही है.
फिर शाह गोटा गांव पहुंचे, जहां अब कमलाबेन रहती थीं. उन्होंने देखा कि खासी उम्रदराज हो चुकीं कमलाबेन एक पेड़ के नीचे बैठी थीं. वे दुखी और कमजोर दिख रही थीं. उनका वजन सिर्फ 28 किलो रह गया था. कमलाबेन को बेटे ने छोड़ दिया था. अमिताभ ने सोचा कि अमेरिका जाकर शानदार भविष्य बनाने से पहले क्यों न वे उन्हें किसी वृद्धाश्रम में आसरा दिला आएं. वे कहते हैं, "जब मैं उन्हें वृद्धाश्रम छोड़ने पहुंचा, तो जिस कमरे में उनके रहने का इंतजाम होना था, उसी में रहने वाली सरिता बेन को लगा कि उनके बेटे ने मुझे उन्हें वापस लाने के लिए भेजा है. इसने मुझे और व्यथित कर दिया. फिर मैंने अपने दोस्तों को संदेश भेजा कि एक बुजुर्ग महिला को सहारे की जरूरत है. क्या कोई थोड़ी फुरसत में उस बुजुर्ग महिला के साथ कुछ वक्त बिता सकता है?" वे बताते हैं, "मैं तो हैरत में पड़ गया जब मैंने देखा कि एक के बाद एक कई लोग सरिता बेन से मिलने पहुंचने लगे, दोस्त और दोस्तों के दोस्त फिर उनके भी दोस्त, एक अंतहीन सिलसिला बन गया."
This story is from the March 01, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the March 01, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
शादी का म्यूजिकल
फ़ाज़ा जलाली पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल में इस बार भारतीय शादियों पर मजेदार म्यूजिकल कॉमेडी रनअवे ब्राइड्स लेकर हाजिर हुईं
शातिर शटल स्टार
हाल में एक नए फॉर्मेट में इंडोनेशिया में शुरू नई अंतरराष्ट्रीय लीग बैडमिंटन -एक्सएल के पहले संस्करण में शामिल अश्विनी पोनप्पा उसमें खेलने वाली इकलौती भारतीय थीं
पुराने नगीनों का नया नजराना
पुराने दिनों की गुदगुदाने वाली वे सिनेमाई यादें आज के परदे पर कैसी लगेंगी भला ! इसी जिज्ञासा का नतीजा है कि कई पुरानी फिल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो रहीं और दर्शकों को खींचकर ला रहीं
जख्म, जज्बात और आजादी
निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फ्रीडम ऐट मिडनाइट पर आधारित सीरीज में आजादी की उथल-पुथल से एक मुल्क बनने तक की कहानी
किस गफलत का शिकार हुए बाघ?
15 बाघों की गुमशुदगी के पीछे स्थानीय वन अधिकारियों की ढीली निगरानी व्यवस्था, राजनैतिक दबाव और आंकड़ों की अविश्वसनीयता है
कंप्यूटिंग में नई क्रांति की कवायद
आइआइएससी के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क प्रेरित कंप्यूटिंग की दिशा में लंबी छलांग लगाते हुए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो न्यूरल सिनेप्सेज की तरह सूचनाओं को प्रोसेस करता है. इसमें रफ्तार, क्षमता और डेटा सुरक्षा की भरपूर संभावना
चीन की चुनौती
जैसे-जैसे भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा और व्यापार बढ़ रहा है, भारत के सामने सस्ते चीनी आयात को किनारे लगाने तथा घरेलू उद्योग की जरूरतों को प्रोत्साहित करने की कठिन चुनौती
कौन सवारी करेगा मराठा लहर पर
मराठा समुदाय के लोगों में आक्रोश है और मनोज जरांगे - पाटील के असर में मराठवाड़ा 'से आखिरकार यह भी तय हो सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बाजी किसके हाथ लगेगी
फिर बना सियासत का मर्कज
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1968 में अजीज बाशा मामले में दिया गया फैसला. भाजपा नेताओं के निशाने पर आया एएमयू, आरक्षण, तालीम पर उठा रहे सवाल
जानलेवा तनाव
भारतीय कंपनियों में गैर - सेहतमंद कार्य - संस्कृति से कर्मचारियों की जान पर बन आई है. इससे वे तरह-तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों की चपेट में आ रहे और कई मौकों पर तो यह कल्चर उनके लिए मौत का सबब बन रही