नगर निगम चुनाव जीतने के करीब ढाई महीने बाद चौथी बैठक में आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव में जीत हासिल की. आ आदमी पार्टी के नेता आदिल अहमद खान एस्केलेटर के पास खड़े होकर पुलिस और सुरक्षा बलों के सामने जोर-जोर से चिल्ला रहे थे, “विजेंद्र गुप्ता (भाजपा नेता) को नीचे लाओ, गुप्ता को किस हैसियत से जाने दिया ?" और वहां पार्टी कार्यकर्ता भी उनकी आवाज बुलंद कर रहे थे. यह नजारा 22 फरवरी को सुबह 11 बजे जवाहरलाल नेहरू मार्ग स्थित दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मुख्यालय सिविक सेंटर का जहां था, जहां मेयर का चुनाव हो रहा था.
खान का सुरक्षाबलों से झगड़ना यह बता रहा था कि आम आदमी पार्टी किस तरह आने-जाने वालों पर सतर्कता से नजर रख रही थी. हालांकि मेयर चुनाव बिल्कुल शांति के साथ हुआ लेकिन उसके बाद पूरी रात मारपीट और हुंगामा हुआ. 39 वर्षीया शैली ओबेराय के मेयर चुने जाने की सूचना आई तो 'जीत गए भई जीत गए, झाड़ वाले जीत गए, हार गए भाई हार गए, सारे गुंडे हार गए' नारा लगाते हुए कैमरों से घिरे 10-12 लोग बाहर निकले. इसके बाद वहां मौजूद मीडियाकर्मियों को बयान देने वाले नेताओं की लाइन लग गई.
लेकिन असली कहानी ओबेराय की है जो सियासी जिंदगी में एक नए मुकाम पर पहुंचीं. कुल पड़े 266 वोटों में से ओबेराय को 150 और भाजपा की मेयर प्रत्याशी रेखा गुप्ता को 116 वोट मिले. कांग्रेस मतदान से गायब रही.
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