11 अप्रैल को, आइएमएफ ने भारत पर अपना जीडीपी अनुमान वित्त वर्ष 2024 के लिए 20 आधार अंक घटाकर 5.9 फीसद और वित्त वर्ष 2025 के लिए 50 आधार अंक घटाकर 6.3 फीसद कर दिया. गौरतलब है कि सौ आधार अंकों का मतलब एक फीसद अंक होता है. चालू वित्त वर्ष के लिए यह पूर्वानुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के वित्त वर्ष 2024 के लिए 6.5 फीसद के अनुमान से बहुत कम है. आरबीआइ ने वित्त वर्ष 2023 के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान 6.8 फीसद (आरबीआइ के मुताबिक) लगाया है, इसे देखते हुए आइएमएफ का 5.9 फीसद का अनुमान पिछले वित्त वर्ष की तुलना में एक बड़ी गिरावट दर्शाता है. हालांकि, केंद्र ने अभी तक 2022-23 के लिए अंतिम आंकड़े जारी नहीं किए हैं.
अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत का वृद्धि आंकड़ा बेहतर लग सकता है, लेकिन फिर बात यही है कि वे अर्थव्यवस्थाएं कहीं ज्यादा बड़ी हैं. आइएमएफ ने अपने अनुमान में कहा है कि अमेरिका और यूरोप क्रमश: 2.1 फीसद और 3.5 फीसद की तुलना में कैलेंडर वर्ष 2023 में क्रमश: 1.6 फीसद और 0.8 फीसद की दर से विकास करेंगे. इस साल चीन की विकास दर के 5.2 फीसद रहने का अनुमान है. ब्रिटेन और जर्मनी को 2023 में मंदी का अनुभव होने के आसार हैं, जहां विकास दर क्रमश: 0.3 फीसद और 0.1 फीसद तक घटने का अनुमान लगाया गया है. जापान एकमात्र ऐसी प्रमुख अर्थव्यवस्था है जहां 2023 में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि का अनुमान है.
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