दीपक 'बॉक्सर' 1 जनवरी से तीन महाद्वीपों में भागता फिर रहा था जिसे दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने 3 अप्रैल को मेक्सिको के कानकुन शहर में दबोच लिया. वह अपनी आखिरी मंजिल अमेरिका की यात्रा के अंतिम चरण पर बस निकलने ही वाला था. दिल्ली पुलिस का विदेश में यह पहला ऐसा ऑपरेशन था जिसे उसने अमेरिकी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआइ), इंटरपोल और मेक्सिको पुलिस की मदद से अंजाम दिया.
अभियान का श्रीगणेश हुआ अगस्त 2022 में जब विशेष आयुक्त हरगोविंदर सिंह धालीवाल ने अपनी टीम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के बड़े गैंगस्टरों की खबर लेने को कहा. टॉप 10 गैंगस्टरों की सूची तैयार की गई. दीपक बॉक्सर का नाम उसमें भी टॉप पर निकला. पूर्व जूनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियन बॉक्सर दीपक की हत्या और जबरन वसूली के कई मामलों में तलाश थी. हरियाणा के सोनीपत जिले के गन्नौर का रहने वाला दीपक उस वक्त चर्चा में आया जब 2016 में उसने गैंग के सरगना जितेंद्र मान उर्फ गोगी को पुलिस के कब्जे से छुड़ा लिया. बाद में सितंबर, 2021 में रोहिणी कोर्ट परिसर में गोगी की हत्या के बाद दीपक ने गोगी गैंग के मुखिया की कमान संभाल ली. दीपक का सबसे बड़ा अपराध था अगस्त, 2022 में दिल्ली के बुराड़ी में बिल्डर अमित गुप्ता की हत्या. दीपक लॉरेंस बिश्नोई और कनाडा स्थित गोल्डी बराड़ जैसे उन गैंगस्टरों से भी जुड़ा था जिन पर मई 2022 में मारे गए गायक सिद्धू मूसेवाला के कत्ल की साजिश रचने का अंदेशा है.
एक बार एनसीआर के टॉप गैंगस्टर के रूप में चिन्हित हो जाने के बाद दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने दीपक के कदमों की आहट का पीछा किया. उसने आठ राज्योंदिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में छानबीन की और एक-एक करके उसके सारे सहयोगियों को पकड़ लिया. शिकंजा कसते देख दीपक ने जनवरी में रवि अंतिल के नाम से फर्जी पासपोर्ट का इंतजाम किया.
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