"ऐसी कई सारी चीजें हैं जो हम कानूनी तौर पर एक साथ कर ही नहीं सकते"
अदिति आनंद 40 वर्ष फिल्मकार और आंत्रेप्रेन्योर
सूजन डायस 35 वर्ष आंत्रेप्रेन्योर और डायरेक्टर, नेटिव ब्रूज
अदिति और सूजन गुड़गांव में रहती हैं
अदिति और सूजन ने प्रेम, साहचर्य, बराबरी और एक प्यारे-से कुत्ते के साथ अपनी एक दुनिया रची है. अब इसमें ढाई साल का एक बेटा और जुड़ गया है. पर कई सारी चीजें वे साथ-साथ नहीं कर सकते. मसलन, बेटे का कानूनी अभिभावक होना. दूसरे युगलों की तरह उनमें से भी एक ने सिंगल पैरेंट की तरह बेटे को गोद लिया था. पर अब इसे पिछले साल भारत के सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (सीएआरए) की ओर से जारी प्रतिमानों का उल्लंघन माना जा रहा है. इसके तहत दो अविवाहित व्यक्ति, उनका लैंगिक रुझान जो भी हो, सिंगल पैरेंट के रूप में बच्चा गोद नहीं ले सकते. इन्हीं वजहों के चलते युगल ने याचिका दायर करने का फैसला किया. उन्हीं के शब्दों में, "हम नहीं चाहते कि बड़ा होने पर बेटे को किसी तरह की शर्मिंदगी का सामना करना पड़े."
"हमें बदहाल छोड़ दिया गया था"
वैभव जैन 36 वर्ष नेशनल आउटरीच डायरेक्टर, एएपीआइ विक्ट्री फंड
पराग विजय मेहता 46 वर्ष मैनेजिंग डायरेक्टर, जेपी मॉर्गन चेज ऐंड कंपनी
वैभव और पराग ने कानूनी तौर पर 2017 में अमेरिका में शादी कर ली. वैभव भारतीय नागरिक हैं जबकि पराग का दर्जा ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया का है. फिर भी उनकी शादी का भारत में रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया. पराग के मुताबिक, "न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास के एक अफसर ने माना कि हमारे समलैंगिक युगल होने की वजह से ऐसा हो रहा है." विदेशी विवाह कानून, 1969 के तहत विदेशों में कानूनी तौर पर शादी करने वालों को भारत में भी मान्यता देनी होती है. इसके बावजूद यह नहीं हो रहा. पराग बताते हैं, "हमारी दो महीने की एक बिटिया है. हम एक बेटा गोद लेने वाले थे...पर कानूनी संरक्षण के बिना हम सब पूरी तरह असुरक्षित हैं." तभी 2020 में उन्होंने दिल्ली हाइकोर्ट का रुख किया.
This story is from the May 24, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the May 24, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.