लेकिन इस सबके अलावा अमल के जरिए कानून के फायदे के समाज तक पहुंचाने के लिए सरकार के एजेंट के तौर पर काम करना उनका विशेषाधिकार भी है. नीतियों पर अमल पक्का करने का काम उन्हें सौंपा गया है. इस पर उनका नियंत्रण अहम है. वे चाहें तो किसी व्यापक दायरे वाले कानून को लागू किए जाने के दौरान उसे सब तक पहुंचा दें या फिर चंद लोगों तक समेट दें. इस तरह से अफसरशाह का रोल सूचनाएं और सुझाव देने या विश्लेषण करने से कहीं आगे का होता है. सामाजिक जरूरतों और बदलावों के हिसाब से इसमें फेरबदल करना उनकी जिम्मेदारी है. वर्षों में हासिल अपने व्यापक नजरिए के बूते वे नीतिगत बदलावों को ज्यादा लोकहितैषी बनाने में सक्षम होते हैं.
सरकार का कामकाज न सिर्फ बढ़ा है बल्कि कहीं ज्यादा तकनीकी और जटिल भी हो गया है. ऐसे में अब किसी एक व्यक्ति या ऑफिस को किसी प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. इन्हीं सब का नतीजा है कि जनता की इच्छा-आकांक्षाओं के माफिक सुचारु और सुव्यवस्थित शासन मुहैया कराने के लिए इधर के वर्षों में सचिवालय के तहत एग्जीक्यूटिव एजेंसियों का पूरा एक नेटवर्क खड़ा हो गया है.
1 डी.वाइ. चंद्रचूड़, 63 वर्ष
भारत के प्रधान न्यायाधीश
न्याय की तुला के शिखर पर
क्योंकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठों की कार्यवाहियों की लाइव-स्ट्रीमिंग करवाई, सरकार समेत कई हल्कों से कड़े विरोध का सामना करते हुए भी भारत में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने सरीखे संवेदनशील मुद्दों पर सुनवाई की, फिर राज्यपालों को "राजनैतिक" क्षेत्र में दखल के खिलाफ खुलेआम चेतावनी दी, टीवी पर साक्षात्कारों में बेबाक ढंग से अपनी बात रखी. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाइ. चंद्रचूड़ ने दिखा दिया कि उन मुद्दों पर अपने मन की बात कहने से नहीं डरते, जिन पर वे गहराई से विश्वास करते हैं
This story is from the June 07, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the June 07, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.