ऐसा राज्य जिसने अपने सिर पर हरे-भरे पंखों से लहलहाता ताज संजो रखा हो, वहां इंडिया टुडे साउथ कॉन्क्लेव होना ही था. केरल में इसका आयोजन अब जाकर हो पाया, यह बस वक्त की ही बात है. 2016 में 100 फीसद साक्षरता हासिल करने वाला यह पहला राज्य था. पिछले महीने ही केरल पूरी तरह ई-गवर्नेस हासिल करने वाला पहला राज्य भी बन गया. सामाजिक-आर्थिक ऐ प्रगति के मामले में इसके पड़ोसी भी पीछे नहीं हैं. लिहाजा यह सही ही था जब इंडिया टुडे के ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर (पब्लिशिंग) राज चेंगप्पा ने कॉन्क्लेव के उद्घाटन भाषण में इस इलाके की 'अतुल्य दक्षिण' कहकर तारीफ की. उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता देश के इस हिस्से का जिक्र करने के लिए हम 'डाउन साउथ' शब्द का इस्तेमाल क्यों करते हैं. दरअसल यह 'अप साउथ' होना चाहिए."
इसी भावना की गूंज मुख्य अतिथि के तौर पर केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के भाषण में भी सुनाई दी. वाम लोकतांत्रिक मोर्चे की सरकार ने 2017 में इंटरनेट की सुलभता को मूल अधिकार बनाया था. इसी तर्ज पर सरकार ने सभी घरों और सार्वजनिक दफ्तरों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देने के लिए हाल में केरल फाइबर ऑप्टिकल नेटवर्क (केएफओएन) पहल शुरू की है. अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर राज्य के उद्योग, कानून और जूट मंत्री पी. राजीव ने एमएसएमई में आए उछाल की चर्चा की. 'उद्यम के वर्ष' 2022-23 में करीब 1,40,000 उद्यमों की स्थापना हुई, जिनमें से 45,000 महिला उद्यमी और 17 ट्रांसजेंडर चला रहे हैं.
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