वक्त अच्छे-अच्छों के कसबल ढीले कर देता है. ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया तथा साक्षी मलिक और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट ने तकरीबन पूरी जिंदगी अखाड़े में योद्धा के गुर सीखे, मगर 30 मई को हरिद्वार में हर की पैड़ी पर गंगा किनारे खड़े इन पहलवानों में पहली बार जैसे लड़ने की हिम्मत टूटती लगी. परिजनों और दोस्तों के घेरे में जब वे तीनों के मिलाकर दो ओलंपिक, छह विश्व चैंपियनशिप और चार एशियाई खेलों के गाढ़े पसीने से कमाए अपने पदकों को सीने से चिपकाए रो पड़े, जिन्हें उन्होंने "हमारी जान, हमारी आत्मा" कहा.
उनका इरादा उन्हें पवित्र नदी में बहा देने का था. महज दो दिन पहले उन्हें नई दिल्ली की सड़कों से निकाल दिया गया था, दिल्ली पुलिस ने उनके साथ हाथापाई की थी और अब महिला पुलिस अधिकारियों पर हमला करने के लिए उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई थी. 2021 में अपनी श्रेणी में दुनिया में नंबर 1 रहीं विनेश को हरिद्वार में बार-बार यह पूछते सुना गया कि “यह कैसे हुआ ?" यह 28 वर्षीया पहलवान समझ नहीं पा रही थीं कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआइ) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश में कैसरगंज से भाजपा के सासंद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप में किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का हश्र यह कैसे हुआ कि उलटे उन्हीं के खिलाफ हमले के आरोप लगा दिए गए.
This story is from the June 28, 2023 edition of India Today Hindi.
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शब्द हैं तो सब है
शब्द और साहित्य की जादुई दुनिया का जश्न मनाते लेखक-राजनेता शशि थरूर अपने निबंधों की किताब के साथ हाजिर
अब बड़ी भूमिका के लिए बेताब
दूरदराज की मंचीय प्रतिभाओं को निखारने का बड़ा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा एमपीएसडी. नई सोच वाले निदेशक के साथ अब वह एक नई राह पर. लेकिन क्या वह एनएसडी जैसा मुकाम बना पाएगा?
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नया-नवेला जिला डीग तेजी से देश में ऑनलाइन ठगी का केंद्र बनता जा रहा था. राज्य सरकार और पुलिस की निरंतर कार्रवाई की वजह से राजस्थान के इस नए जिले में पिछले छह महीने के दौरान साइबर अपराध की गतिविधियों में आई काफी कमी
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पल में मजाकिया, पल में खौफनाक. हिंदी सिनेमा में हॉरर कॉमेडी फिल्मों का आया नया जमाना. चौंकने-डरने को बेताब दर्शकों के कंधों पर सवार होकर भूतों ने धूमधाम से की बॉक्स ऑफिस पर वापसी
ममता के लिए मुश्किल घड़ी
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ठोकने की यह कैसी नीति
सुल्तानपुर में जेवर की दुकान में डकैती के आरोपी मंगेश यादव को मुठभेड़ में मार डालने के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर योगी सरकार. फर्जी मुठभेड़ एक बार फिर बनी मुद्दा
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अदाणी जांच में हितों के टकराव के आरोपों में घिरीं और अपने ही स्टाफ में उभरते विद्रोह से सेबी की मुखिया से ढेरों जवाब और खुलासों की दरकार
अराजकता के गर्त में वापसी
केंद्र और राज्य के निकम्मेपन से मणिपुर में नए सिरे से उठीं लपटें, अबकी बार नफरत की दरारें और गहरी तथा चौड़ी लगने लगीं, अमन बहाली की संभावनाएं असंभव-सी दिखने लगीं
अब आई मगरमच्छों की बारी
राजस्थान में 29 जुलाई, 2024 की दोपहर विधानसभा में राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) परीक्षा में पेपर लीक को लेकर सियासत गरमाई हुई थी. प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने पेपर लीक के मामलों को लेकर भजनलाल शर्मा सरकार पर यह आरोप जड़ दिया कि अभी तक सरकार ने छोटी-छोटी मछलियां पकड़ी हैं, मगरमच्छ तो अभी भी खुले घूम रहे हैं. इस हमले का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, \"आप बेफिक्र रहिए जल्द ही हम उन मगरमच्छों को भी पकड़ेंगे जो बाहर घूम रहे हैं.\"
नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"