अपनी अकादमिक उत्कृष्टता के साथसाथ अपने जीवंत शिक्षणेतर जीवन के लिए सुर्खियां बटोरने वाले हिंदू कॉलेज में 4,500 से अधिक छात्र पढ़ते हैं. कॉलेज में 60 से अधिक स्टूडेंट क्लब और सोसाइटी हैं जिनके जरिए आर्ट्स, डांस, पेंटिंग, डिबेट और डिस्कशन, क्विजिंग, रिसर्च से लेकर उद्यमिता तक विभिन्न तरह की रुचियां-अभिरुचियां पल्लवित और पोषित होती हैं. इसकी एक अनूठी संसदीय प्रणाली भी है. पार्लियामेंट ऑफ द रिपब्लिक ऑफ हिंदू कॉलेज छात्रों और स्टाफ की एक अलग ही तरह की लोकतांत्रिक संस्था है जो एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टीविटीज का जिम्मा संभालती है.
1899 में स्थापित हिंदू कॉलेज ने इस वर्ष अपने अस्तित्व में आने के 124 वर्ष पूरे कर लिए हैं, और यह 'अतीत का अनुकरण और भविष्य को नए आयाम' के अपने नए आदर्श वाक्य से पूरी तरह प्रेरित है. ह्यूमैनिटीज के लिए सबसे अधिक डिमांड में रहने वाले इस संस्थान में आर्ट स्ट्रीम यानी कला वर्ग के 19 स्नातक पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं.
कोविड- 19 महामारी के दौरान और उसके बाद, कॉलेज ने अपने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया. महामारी के बाद जब छात्र फिर से कॉलेज लौटे तो कैंपस में उनके लिए हर विभाग के ओरिएंटेशन लेक्चर की पूरी सीरीज तैयार थी. हालांकि, लॉकडाउन के दौरान अस्तित्व में आई ऑडियो विजुअल मीडिया की मिली-जुली शिक्षण पद्धति का उपयोग जारी रखा गया. यही वजह है कि पाठ्य सामग्री और संसाधनों को ऑनलाइन स्टूडेंट पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाता है.
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