जून 2016 की 8 तारीख थी वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करने खड़े हुए तो सभी ने खड़े होकर तालियों की गड़गड़ाहट से उनका अभिवादन किया. अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जो बाइडन और सदन के स्पीकर पॉल रायन अध्यक्षता कर रहे थे. अपनी जबरदस्त वाक्शैली का मुजाहिरा करते हुए मोदी ने कांग्रेस के सदस्यों से कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ते “इतिहास की हिचकिचाहटों से उबर आए" हैं. उन्होंने अपना संबोधन वाल्ट व्हिटमैन की कविता टू थिंक ऑफ टाइम की इस पंक्ति के साथ खत्म किया, "ऑर्केस्ट्रा ने अपने सुरों को ठीक से साध लिया है-छड़ी का इशारा हो गया है." फिर उन्होंने जोड़ा कि नया राग बज उठा है.
अब जून, 2023 की 22 तारीख पर आइए. 2016 में मोदी ने जिस राग का जिक्र किया था, वह पूरे विस्तार से बज रहा था. अपने प्रधानमंत्री काल के नौ साल पुरे कर चुके मोदी उस वक्त कहीं ज्यादा विश्वास से भरे नजर आए जब वे अमेरिकी कांग्रेस को दूसरी बार संबोधित कर रहे थे- यह सम्मान दुनिया के कम ही नेताओं को दिया गया है. इसके एक दिन पहले ही बाइडन, जो अब राष्ट्रपति हैं, ने भारतीय प्रधानमंत्री के लिए लाल कालीन बिछवाया, यहां तक कि शिखर समागम को धूमधाम और तड़क-भड़क के साथ राजकीय यात्रा में तब्दील कर दिया. उनके सम्मान में एक निजी रात्रिभोज तो था ही. मोदी ने कांग्रेस के सदस्यों से मुस्कराते हुए कहा, “पिछले कुछ साल में एआइ-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कई किस्म की प्रगति हुई है. उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण विकास एक और एआइ में हुआ है-(ए) अमेरिका और (आइ) भारत."
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