मॉनसूनी हवाएं बड़ी ही मनमौजी होती हैं और हमें भिगोने वाली उनकी बौछारों का हर साल स्वागत किया जाता है. इस भीगे मौसम में रोमांस, पुरानी यादों और पकौड़ों की तलब जाग उठती है. ऐसे में खुशगवार सैरगाहों की ओर कूच करने को जी करता है. पेश है देशभर के ऐसे ही आला ठिकानों की फेहरिस्त जहां आप मॉनसून की फुहारों का जी खोलकर आनंद ले सकते हैं. इस दौरान देखने वाली जगहें, जहां आप सितंबर तक जा सकते हैं. ये घुमक्कड़ी के लिए जानी-बूझी जगहों से हटकर हैं
मालशेज घाट, महाराष्ट्र
पश्चिमी घाट के इस पहाड़ी दर्रे में गर्मियों से पककर सुनहरी हुई घास मानसून के जादुई स्पर्श के साथ पारदर्शी हरे रंग में तब्दील हो जाती है. सब दूर पसरी हरियाली और एक मानव निर्मित शानदार झील को निहारें जिसके किनारों पर गुलाबी फ्लैमिंगो चारा चुगती मिलेंगी. मंझे हुए पैदल यात्री कई अद्भुत ट्रेल्स और ट्रेक का मजा लेंगे, खासकर खीरेश्वर गांव से छठी शताब्दी के हरिश्चंद्रगढ़ किले तक रोमांचकारी सफर पर जाएंगे. दूसरी ओर बाइकर्स और फिट-फाट लोग लगभग 30 किमी दूर छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मस्थान शिवनेरी किले में ऐतिहासिक जगहों का आनंद ले सकते हैं. प्राचीन बौद्ध गुफाओं के अंदर लेण्याद्रि विनायक मंदिर में गिरिजात्मज गणपति हैं, जो प्रसिद्ध अष्टविनायकों में से एक हैं.
क्या करें: साल के इस वक्त यहां के झरने इस डेस्टिनेशन के मुख्य आकर्षण होते हैं. आप उन्हें सराहते हुए उसमें छपाका मार कर सकते हैं, और उनके बीच कुलांचें भर सकते हैं.
कहां रहें: प्रीमियम जगह साज बाइ द लेक या बुनियादी सुविधाओं वाले एमटीडीसी के फ्लैमिंगो हिल रिजॉर्ट में
क्या खाएं: साज के माटी बानी रेस्तरां में भरली वांगी और मराठा फाइड चिकन या फ्लैमिंगों में मिसल-पाव और वरणभात जैसे खालिस स्थानीय व्यंजन
कैसे पहुंचें: जहाज से मुंबई या पुणे पहुंचें. वहां से क्रमश: 126 या 129 किमी सड़क मार्ग से
मावसिनराम, मेघालय
This story is from the July 19, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the July 19, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
शोख सनसनी दिल्ली की
आर्ट क्यूरेटर, परोपकारी और सोशल मीडिया सनसनी शालिनी पासी नेटफ्लिक्स की सीरीज फैबुलस लाइव्ज वर्सज बॉलीवुड वाइव्ज में शिरकत करने के बाद मिली शोहरत का मजा ले रहीं
पाइ पटेल की भारत यात्रा
यान मार्टेल के चर्चित उपन्यास लाइफ ऑफ पाइ पर फिल्म भी बनी. और अब यह पुरस्कार विजेता नाटक
कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की
धूमीमल गैलरी में चल रही प्रदर्शनी ज्वॉइनिंग द डॉट्स दिल्ली के सांस्कृतिक दिल कनॉट प्लेस के चिरस्थायी आकर्षण को एक तरह की आदरांजलि
हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी
फिल्मकार पायल कपाडिया इन दिनों एक अलग ही रंगत में हैं. वजह है उनकी फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट और उन्हें मिल रही विश्व प्रसिद्धि. उनका सफर एक बड़े सिनेमाई मुकाम पर जा पहुंचा है. अब यहां से इस जुनूनी आर्टिस्ट का करियर एक नई उड़ान लेने को तैयार
रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते
पिछले महीने 86 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुए रतन टाटा. भारत की सबसे पुरानी विशाल कंपनी के चेहरे रतन को हम में से ज्यादातर लोगों ने जब भी याद किया, वे एक सुविख्यात सार्वजनिक शख्सियत और दूसरी ओर एक रहस्यमय पहेली के रूप में नजर आए.
विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश
अर्थव्यवस्था मजबूत नजर आ रही है, मगर विदेशी निवेशक भारत पर अपना बड़ा और दीर्घकालिक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं
अब शासन का माझी मंत्र
मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में 'जनता प्रथम' के सिद्धांत वाली शासन प्रणाली स्थापित कर रही. उसने नवीन पटनायक के दौर वाले कथित नौकरशाही दबदबे को समाप्त किया. आसान पहुंच, ओडिया अस्मिता और केंद्रीय मदद के बूते बड़े पैमाने पर शुरू विकास के काम इसमें उसके औजार बन रहे
होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग
अमूमन दूसरे देशों के ठिकानों से साइबर अपराधी नेटवर्क अब टेक्नोलॉजी और फंसाने के मनोवैज्ञानिक तरीकों से जाल बिछाकर और फर्जी पुलिस और प्रवर्तन अफसरों का वेश धरकर सीधे सरल लोगों की जीवन भर की जमा-पूंजी उड़ा ले जा रहे
कुछ न कर पाने की कसक
कंग्रेस ने 16 दिसंबर, 2023 को जितेंद्र 'जीतू' पटवारी को मध्य प्रदेश का अपना नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था.
पुलिस तक पर्याप्त नहीं
गुजरात के तटीय इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी और शहरी इलाकों में लगातार बढ़ती प्रवासी आबादी की वजह से राज्य पुलिस पर दबाव खासा बढ़ गया है. ऐसे में उसे अधिक क्षमता की दरकार है. मगर बल में खासकर सीनियर अफसरों की भारी कमी है. इसका असर उसके मनोबल पर पड़ रहा है.