इसको लेकर केंद्र और इस पूर्वोत्तर राज्य, दोनों की भाजपा सरकारों को आलोचना झेलनी पड़ रही है. राज्य की कानून-व्यवस्था पर पकड़ कमजोर होने से ज्यादा बड़ी चिंता की बात यह है कि 'डबल इंजन सरकार' संघर्षरत मैतेई और कुकी समूहों को बातचीत शुरू करने पर राजी करने में भी नाकाम रही है. यह दिखाता है कि कैसे परस्पर विरोधी सियासी हितों के कारण भाजपा यहां बुरी तरह फंस गई है.
हिंसा भड़कने के बाद से मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को हटाने की मांग न केवल विपक्ष और कुकी समूह कर रहे हैं बल्कि खुद भाजपा के अंदर भी ऐसी आवाज उठ रही है. उन्होंने 30 जून को इस्तीफा तैयार भी कर लिया था, पर उनके आधिकारिक आवास के बाहर जुटी भीड़ ने राज्यपाल को सौंपे जाने से पहले ही उसे फाड़ दिया. मुख्यमंत्री के आलोचकों का कहना है कि भाजपा आलाकमान की ओर से पद छोड़ने के लिए कहे जाने पर उन्होंने 'इस्तीफे का नाटक' किया. बहरहाल, इस प्रकरण ने राज्य के मामलों को संभालने में पार्टी की दुविधा को उजागर ही किया है.
राज्य का घटनाक्रम पहली नजर में बीरेन सिंह को अयोग्य मुख्यमंत्री के तौर पर सामने लाता है जो केंद्र और सशस्त्र बलों के समर्थन के बावजूद हिंसा रोकने में नाकाम रहे. उनके विरोधी आरोप लगाते हैं कि उन्होंने खुलकर अपने मैतेई समुदाय का पक्ष लिया है. इसी तर्ज पर, कुकी समूहों का दावा है कि अफीम की खेती और वन क्षेत्रों के अतिक्रमण के खिलाफ बीरेन सिंह के पूर्व के अभियानों का असली निशाना तो कुकी समुदाय था, जिसका मैतेई से टकराव रहा है. इसलिए जब कभी मुख्यमंत्री ने म्यांमार से कुकी लोगों की अवैध घुसपैठ का मुद्दा उठाया, या उनकी बढ़ती आबादी की ओर इशारा किया, कुकी नेताओं ने उन पर जातीय पूर्वाग्रह का आरोप लगाया. इसीलिए वे बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री रहने तक केंद्र की पहल पर किसी भी शांति वार्ता का हिस्सा बनने को तैयार नहीं हैं.
This story is from the July 26, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the July 26, 2023 edition of India Today Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
शादी का म्यूजिकल
फ़ाज़ा जलाली पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल में इस बार भारतीय शादियों पर मजेदार म्यूजिकल कॉमेडी रनअवे ब्राइड्स लेकर हाजिर हुईं
शातिर शटल स्टार
हाल में एक नए फॉर्मेट में इंडोनेशिया में शुरू नई अंतरराष्ट्रीय लीग बैडमिंटन -एक्सएल के पहले संस्करण में शामिल अश्विनी पोनप्पा उसमें खेलने वाली इकलौती भारतीय थीं
पुराने नगीनों का नया नजराना
पुराने दिनों की गुदगुदाने वाली वे सिनेमाई यादें आज के परदे पर कैसी लगेंगी भला ! इसी जिज्ञासा का नतीजा है कि कई पुरानी फिल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो रहीं और दर्शकों को खींचकर ला रहीं
जख्म, जज्बात और आजादी
निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फ्रीडम ऐट मिडनाइट पर आधारित सीरीज में आजादी की उथल-पुथल से एक मुल्क बनने तक की कहानी
किस गफलत का शिकार हुए बाघ?
15 बाघों की गुमशुदगी के पीछे स्थानीय वन अधिकारियों की ढीली निगरानी व्यवस्था, राजनैतिक दबाव और आंकड़ों की अविश्वसनीयता है
कंप्यूटिंग में नई क्रांति की कवायद
आइआइएससी के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क प्रेरित कंप्यूटिंग की दिशा में लंबी छलांग लगाते हुए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो न्यूरल सिनेप्सेज की तरह सूचनाओं को प्रोसेस करता है. इसमें रफ्तार, क्षमता और डेटा सुरक्षा की भरपूर संभावना
चीन की चुनौती
जैसे-जैसे भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा और व्यापार बढ़ रहा है, भारत के सामने सस्ते चीनी आयात को किनारे लगाने तथा घरेलू उद्योग की जरूरतों को प्रोत्साहित करने की कठिन चुनौती
कौन सवारी करेगा मराठा लहर पर
मराठा समुदाय के लोगों में आक्रोश है और मनोज जरांगे - पाटील के असर में मराठवाड़ा 'से आखिरकार यह भी तय हो सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बाजी किसके हाथ लगेगी
फिर बना सियासत का मर्कज
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1968 में अजीज बाशा मामले में दिया गया फैसला. भाजपा नेताओं के निशाने पर आया एएमयू, आरक्षण, तालीम पर उठा रहे सवाल
जानलेवा तनाव
भारतीय कंपनियों में गैर - सेहतमंद कार्य - संस्कृति से कर्मचारियों की जान पर बन आई है. इससे वे तरह-तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों की चपेट में आ रहे और कई मौकों पर तो यह कल्चर उनके लिए मौत का सबब बन रही