पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 79वीं जयंती पर 20 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के गठन का ऐलान किया. हाल के इतिहास में देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष निर्वाचित या चयनित होने के बाद सीडब्ल्यूसी का गठन करने में लगा 10 महीने का यह सबसे लंबा वक्त था. खड़गे अक्तूबर, 2022 में कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए, जिसका इस साल फरवरी में रायपुर में पार्टी के महाधिवेशन में अनुमोदन किया गया.
पांच दशक से भी ज्यादा वक्त से कांग्रेसी और अस्सी वर्ष से ऊपर के खड़गे शायद ऐसी टीम की घोषणा करने के लिए सही पल का इंतजार कर रहे थे, जो उनके राजनैतिक करियर की शायद सबसे बड़ी लड़ाई यानी 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली भाजपा से लड़ने में मददगार हो. वक्त भी इससे बेहतर शायद दूसरा नहीं हो सकता था. खड़गे की अगुआई में पार्टी ने छह महीनों के दरमियान दो विधानसभा चुनावहिमाचल प्रदेश और कर्नाटकजीते. उनका गृह राज्य होने के नाते कर्नाटक में खड़गे की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी.
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