इसी काउंसिलिंग सेंटर में स्पर्शवर्धन जैसे कई युवाओं को अष्टमी में भी ऑफर लेटर मिला है और नवमी और दशमी के दिन भी. यह दशहरा 1.22 लाख युवाओं के जीवन में खुशियों का मौका लेकर आया है. ऐसी खुशी जिसका असर उनके पूरे जीवन पर रहने वाला है. ये सभी लोग बिहार सरकार के बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन (बीपीएससी) की ओर से आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल हुए हैं.
इन नवरात्र के मौके पर सिर्फ शिक्षकों की नौकरी पाने वाले युवा ही खुश नहीं हैं, बिहार सरकार के तकरीबन 76 हजार से अधिक सरकारी सेवकों के चेहरे पर भी खुशी आई है. बिहार सरकार ने इन्हें अस्थाई प्रमोशन देने का फैसला कर लिया है. इसकी प्रक्रिया भी नवरात्र की छुट्टियों के बीच ही जारी है. सरकार शिक्षकों की नियुक्ति और कर्मचारियों के प्रमोशन की प्रक्रिया दीवाली से पहले हर हाल में पूरी कर लेना चाहती है, ताकि दीवाली के मौके पर दो लाख परिवारों को खुशियों की सौगात दे सके.
1.22 लाख शिक्षकों की भर्ती के बारे में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर जानकारी दी है कि यह पूरी प्रक्रिया 60 दिन से भी कम समय में पूरी हो गई है. दरअसल, बीपीएससी ने इन पदों के लिए 24 से 26 अगस्त के बीच परीक्षा ली थी. 17 अक्तूबर से इसके रिजल्ट आने शुरू हो गए.
बिहार सरकार इसे हाल के वर्षों में हुई सबसे बड़ी सरकारी भर्ती प्रक्रिया बता रही है और इसे 'उत्सव' मनाने के लिए 2 नवंबर में पटना के गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के हाथों 25 हजार चुनिंदा नौकरी पाने वालों को नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे. इस बीच इनके ओरिएंटेशन के काम पूरे हो जाएंगे और इन्हें स्कूल दे दिए जाएंगे.
पिछले कुछ दिनों से तेजस्वी यादव अपने ट्विटर अकाउंट पर इस बात की सूचना बार-बार दे रहे हैं कि उन्होंने सत्ता में आने पर दस लाख सरकारी नौकरियों का वादा किया था. एक साल के भीतर इनमें से चार लाख नौकरियों की प्रक्रिया शुरू हो गई है. पहले चरण में 1.22 लाख लोगों को शिक्षकों की नौकरी देने का काम भी शुरू हो गया है.
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