बात 2013 की है. "मुंबई में एक युवक हाइवे पर प्रेमिका के साथ बाइक पर सड़क के गड्ढे से बचते हुए निकल रहा था. कुछ किलोमीटर चलने के बाद प्रेमिका ने बाइक रुकवाई और कहा, तुम कैब से क्यों नहीं चलते. पैसे बचाने के लिए इस बाइक से चलते हो. तुमको मालूम है, मेरे पापा के पास मर्सिडीज है और तुम्हारे पूरे परिवार ने कभी कार देखी ही नहीं है." कुछ समय बाद दोनों का ब्रेकअप हो गया. समय बदला और तब बाइक चलाने वाला वह शख्स आज 2023 में चाहे तो रोज एक मर्सिडीज खरीद सकता है, इनका नाम है पुनीत गुप्ता. वे एस्ट्रोटॉक ऐप के संस्थापक हैं जिनकी रोज की आय 1.80 करोड़ रुपए है. यह ऐप ज्योतिषियों और कस्टमर के बीच लाइव चैट कराता है.
पुनीत की कहानी काफी दिलचस्प है. पंजाब के बठिंडा निवासी पुनीत ने 2011 में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. मुंबई में जापानी इन्वेस्मेंट बैंक नोमूरा में सॉफ्टवेयर डेवलपर की नौकरी लगी. करीब पांच-छह लाख रुपए जोड़ लिए तो नौकरी छोड़कर बठिंडा अपने घर पहुंच गए. इरादा स्टार्ट-अप शुरू करने का था. उनके दादाजी आयुर्वेदिक डॉक्टर थे. पहले सोचा दादाजी की आयुर्वेदिक दवाओं का काम ग्लोबलाइज करेंगे लेकिन यह काम वार्तालाप से आगे नहीं जा सका. कॉलेज के दिनों में फिजिक्स पढ़ाया करते थे. उनकी फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ तीनों विषयों पर अच्छी पकड़ थी. लिहाजा, कोचिंग इंस्टीट्यूट शुरू किया लेकिन मजा नहीं आया. इसे बंद कर दिया बच्चों के पैसे लौटा दिए. इसके बाद कुछ समझ नहीं पा रहे थे क्या करें. काफी निराश हो गए, गहरे डिप्रेशन में चले गए. डिप्रेशन में अपने बारे में खराब बोलकर अच्छा फील करने वाली स्थिति में आ गए थे. घर के ऊपर वाले कमरे में अकेले रहने लगे. पुनीत बताते हैं, "एक दोस्त मेरी इस हालत से बहुत चिंतित था. वह रोज फोन करता था, उसने मुझसे फिर से नौकरी के लिए कहा. उसने मेरे इंटरव्यू फिक्स कराए लेकिन काफी प्रयासों के बाद भी नौकरी नहीं लगी. पैसे भी खत्म हो गए थे. अंदर से टूट गया. करीब 10 महीने तक संघर्ष चला. मुंबई से रिकूटर इसलिए नहीं बुलाते थे कि मैं मुंबई में नहीं रहता था और उन्हें आने-जाने का खर्च देना होगा."
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