3 दिसंबर को जब नतीजे आए तो भाजपा की रणनीति कामयाब होती दिखी जब इन 18 उम्मीदवारों में से 12 ने जीत हासिल की. इसी रणनीति ने 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के कई मौजूदा सांसदों और योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारने की पृष्ठभूमि तैयार कर दी है. भाजपा ने प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. पार्टी लगातार औपचारिक और अनौपचारिक दोनों मंचों से जिताऊ उम्मीदवारों पर ही दांव लगाने का संकेत दे रही है. हालांकि भाजपा नेतृत्व ने अभी तक टिकट वितरण के मापदंड तय नहीं किए हैं, लेकिन वह निश्चित रूप से ऐसे उम्मीदवारों का चयन करेगी जो राज्य से 80 सीटों के लक्ष्य को हासिल करने में मदद कर सकें.
भाजपा योगी सरकार के कई मंत्रियों के नामों पर मंथन कर रही है जिन्हें लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है. अयोध्या में साकेत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य वी. एन. अरोड़ा बताते हैं, "पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वाली भाजपा अब यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन में खुलकर प्रयोग कर सकेगी." योगी सरकार में पशुपालन मंत्री धर्मपाल एक समय यूपी भाजपा अध्यक्ष बनने की दौड़ में थे और अब वे आंवला लोकसभा सीट पर एक बड़े दावेदार के रूप में सामने आए हैं. भाजपा के धर्मेंद्र कश्यप 2014 से यहां से सांसद हैं. 2009 में मेनका गांधी ने यहां से जीत हासिल की थी. पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी लगातार अपनी ही पार्टी को निशाने पर लिए हुए हैं. पार्टी से बिगड़े रिश्तों के कारण वरुण को भी पीलीभीत से टिकट मिलने पर संशय है. ऐसे में अगर पार्टी मौजूदा सांसद वरुण गांधी को बदलने का फैसला करती है तो योगी सरकार के मंत्रियों में बलदेव सिंह औलख या संजय गंगवार को यहां से उतारा जा सकता है.
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